Barnala News in Hindi: बरनाला जिले के एक किसान परिवार की तीन बेटियों ने कमाल कर दिखाया है. तीनों बहनों ने एक साथ सरकारी नौकरी हासिल की है.
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Barnala News: आज जब पूरी दुनिया में लोहड़ी का त्योहार मनाया जा रहा है. ज्यादातर बेटों के जन्म पर लोहड़ी की खुशियां मनाई जा रही हैं, वहीं बरनाला जिले के एक किसान परिवार की तीन बेटियों ने अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है. बरनाला के कोठे- सुरजीतपुरा की तीन बेटियों ने एक साथ सरकारी नौकरी हासिल कर अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है.
तीनों बहनों को बरनाला के जिला प्रशासनिक परिसर में एक ही भवन की छत के नीचे नियुक्त किया गया है, जिन्होंने तीन अलग-अलग विभागों में काम करना शुरू कर दिया है. इनमें सबसे बड़ी संदीप कौर की नियुक्ति तीन दिन पहले ही भाषा विभाग में हुई है, जबकि वीरपाल कौर की नियुक्ति एक्साइज एवं टैक्स विभाग में हुई है और सबसे छोटी बहन जसप्रीत कौर की नियुक्ति डीसी ऑफिस में हुई है.
तीनों बहनों ने इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता को देते हुए अपनी खुशी जाहिर की हैं. पंजाब में विदेश जाने के चल रहे दौर में पंजाब में रहकर नौकरी पाना तीनों बहनों के लिए एक बड़ी उपलब्धि बन गई. उन्होंने अपनी उपलब्धि की वजह से पंजाब सरकार द्वारा निकाली जा रही नौकरियों को भी बताया है.
इन तीनों बेटियों के पिता महिंदर सिंह और मां राज कौर की खुशी का ठिकाना नहीं है. माता-पिता का कहना है कि उन्होंने अपनी बेटियों को बेटों की तरह परवरिश की है और उनकी हर इच्छा पूरी की है. उन्होंने अपनी बेटियों की इस उपलब्धि के लिए सरकार और भगवान को धन्यवाद दिया.
वहीं लड़कियों का मार्गदर्शन करने वाले उनके चाचा अवतार सिंह और जिला भाषा अधिकारी बिंदर सिंह ने कहा कि लड़कियां किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं. हमें लड़कियों को बेटों की तरह प्यार करना चाहिए और उनकी लोहड़ी भी मनानी चाहिए. उन्होंने कहा कि आज जब पंजाब में नई पीढ़ी के बीच विदेश जाने पर जोर है, तो इन तीनों बहनों ने अपनी मेहनत के दम पर यहां सरकारी नौकरी हासिल कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है. पढ़ाई पूरी करने के बाद बच्चों को धैर्य रखने की जरूरत है.
तीनों बहनों ने अपनी उपलब्धि पर कहा कि हमें बहुत खुशी है कि हमारी मेहनत रंग लाई और हम तीनों बहनें सरकारी नौकरी पाने में सफल रहीं. सबसे बड़ी संदीप कौर ने कहा कि उन्होंने फाइनेंस में एमबीए के साथ ही सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी. वह पिछले 7-8 साल से लगातार सरकारी नौकरी के पेपर दे रही हैं. कई बार असफल हुईं, लेकिन उनके माता-पिता ने कभी हार नहीं मानी, जिसके चलते उन्हें सरकारी नौकरी भी मिल गई है और भाषा विभाग में नियुक्ति मिल गई है. उन्होंने बताया कि उन्होंने कुछ समय तक बरनाला शहर में कोचिंग ली, लेकिन उनकी छोटी बहनों को कोचिंग लेने की जरूरत नहीं पड़ी और वे मेरे मार्गदर्शन में पढ़ती रहीं, जिसके चलते उनकी एक बहन वीरपाल कौर एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट में और सबसे छोटी बहन जसप्रीत कौर डीसी ऑफिस की एमी ब्रांच में नियुक्त हो गई हैं.
संदीप कौर ने बताया कि इस उपलब्धि के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी. वे रोजाना 7 से 8 घंटे घर पर बैठकर पढ़ाई करते थे. उन्होंने विवाह समारोह तक अपने रिश्तेदारों और करीबी रिश्तेदारों की शादियों को त्याग दिया. सोशल मीडिया का उपयोग केवल शिक्षा के लिए किया जाता है. इसके अलावा वह पढ़ाई के साथ-साथ घर का सारा काम भी करती थी. उन्होंने कहा कि आईईएलटीएस और विदेश जाने के दौरान उन्होंने कभी विदेश जाने के बारे में नहीं सोचा था.
उन्होंने पंजाब में रहकर कड़ी मेहनत करने के बारे में सोचा और उन्हें उनकी मेहनत का फल मिल रहा है. संदीप कौर ने कहा कि हमारे माता-पिता ने हमें लड़कों की तरह परवरिश की है. हमारे समाज को भी चाहिए कि वह लड़के-लड़कियों में भेदभाव करना बंद करें और लड़कियों को भी लड़कों की तरह प्यार दें.
लड़कों की तरह लड़कियों की भी लोहड़ी मनाई जानी चाहिए. वहीं उन्होंने इस उपलब्धि के लिए पंजाब सरकार को धन्यवाद भी दिया और कहा कि पहले की सरकारें सिर्फ चुनाव के मौके पर ही नौकरियां निकालती थीं, जबकि मौजूदा सरकार उससे भी बेहतर तरीके से सरकारी नौकरियां निकाल रही है, जिससे उन्हें फायदा हुआ है. यह एक अच्छी पहल है.
इसके साथ ही जिला भाषा अधिकारी बिंदर सिंह ने कहा कि इन लड़कियों ने साबित कर दिया "जो मेहनत करेगा वह जिंदगी का हर मुकाम हासिल करेगा". आज बदलते युग में लड़कियां जरूर देश के हर मुकाम को हासिल कर रही हैं. कामयाबी की बुलंदियों को छुती लड़कियां मिसाल पैदा कर रही हैं.