Kisan Andolan: पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने गृह मंत्रालय में निदेशक मयंक मिश्रा के साथ आज रविवार को क मिश्रा के साथ रविवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना.
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Kisan Andolan: पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने गृह मंत्रालय में निदेशक मयंक मिश्रा के साथ रविवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. कैंसर से ग्रस्त 70 वर्षीय डल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर अनशन पर बैठे हुए हैं ताकि केंद्र पर फसलों के एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी सहित आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाया जा सके.
गौरव यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, हम डल्लेवाल के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने आए थे. उन्होंने बताया कि भारत सरकार के प्रतिनिधि मयंक मिश्रा को विशेष रूप से यहां भेजा गया था. खनौरी सीमा पर मुलाकात के दौरान पुलिस उप महानिरीक्षक मंदीप सिंह सिद्धू, पटियाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नानक सिंह और पटियाला की उपायुक्त प्रीति यादव भी मौजूद थीं.
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खनौरी सीमा पर विरोध स्थल पर पहुंचने से पहले यादव ने किसान नेता सुखजीत सिंह, काका सिंह कोटड़ा और अन्य नेताओं के साथ बैठक की. डीजीपी यादव की यह बैठक उच्चतम न्यायालय द्वारा केंद्र और पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों को डल्लेवाल से तुरंत मुलाकात के लिए निर्देश देने के दो दिन बाद हुई है. न्यायालय ने यह कहते हुए डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता प्रदान करने और अनिश्चितकालीन अनशन तोड़ने की खातिर मनाने के लिए कहा था.
डॉक्टर्स ने पहले ही डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने के लिए कहा है, क्योंकि लंबे समय तक अनशन करने के कारण वह कमजोर हो गए हैं. एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के बैनर तले किसान 13 फरवरी को सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली जाने पर रोके जाने के बाद से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं.
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फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कर्ज माफी, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने, पुलिस द्वारा आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों को वापस लेने और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल करना और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना भी उनकी मांगों का हिस्सा है.
(भाषा)
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