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मुंबई : संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के महत्वाकांक्षी खाद्य सब्सिडी विधेयक को सोमवार को लोकसभा में मंजूरी मिलने के बाद मंगलवार को रुपया अपने नए सर्वकालिक निचले स्तर 66.30 प्रति डॉलर को छूने के बाद अंत में 66.24 प्रति डॉलर के नए रिकार्ड निचले स्तर पर बंद हुआ।
रुपए की कमजोरी से घरेलू शेयर बाजार भी औंधे मुंह गिरा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम की वजह से राजकोषीय घाटा बढ़ने के साथ रेटिंग में कमी की आशंका बढ़ी है। इसका असर आज व्यापक रूप से बाजार पर दिखाई दिया। बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स की 590 अंक लुढ़क गया। माह अंत की डॉलर मांग तथा पूंजी के बाह्य प्रवाह से रुपया एक दिन की सबसे बड़ी 194 पैसे या 3.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 66.24 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इस साल यानी 2013 में रुपए में करीब 20 फीसद की गिरावट आ चुकी है। वैश्विक स्तर पर रुपया सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा रही है।
वहीं रुपये में जोरदार गिरावट का असर बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स पर दिखा। कारोबार के दौरान एक समय 600 अंक तक नीचे जाने के बाद अंत में 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 590 अंक के नुकसान से 18,000 अंक के स्तर से नीचे आ गया। निवेशकों की घबराहटपूर्ण बिकवाली से निवेशकों की पूंजी 1.7 लाख करोड़ रुपये घट गई।
देश की दो-तिहाई आबादी यानी 82 करोड़ लोगों को आम चुनाव से पहले सब्सिडी वाला खाद्यान्न उपलब्ध कराने की सरकार की योजना से खाद्य सब्सिडी बिल 25,000 करोड़ रुपये बढ़ जाएगा। आशंका है कि इससे वित्त मंत्री पी चिदंबरम के लिए राजकोषीय घाटे पर अंकुश लगाना मुश्किल होगा।
वैसे चिदंबरम ने आज कहा कि उनके लिए राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.8 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य लक्षमण रेखा है।
हालांकि, वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने अभी आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है, लेकिन वित्तीय बाजार के डीलर कुछ बुरे की आशंका जता रहे हैं। फिच ने कल चेताया है कि यदि राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा पाता, तो रेटिंग घटाई जा सकती है। इन सबके बीच दिल्ली और मुंबई के बाजारों में सोना 32,000 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तर को पार कर गया। सोने की कीमत में बढ़ोतरी से सरकार की परेशानी और बढ़ सकती है। सोना सबसे अधिक आयातित किए जाने वाले उत्पादों में है।
चेन्नई और कोलकाता में तो यह 33,000 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तर को पार कर गया। लोकसभा ने सोमवार को खाद्य सुरक्षा विधेयक पारित किया था। इसके तहत गरीबों को एक से तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर हर महीने 5 किलोग्राम खाद्यान्न का कानूनी अधिकार मिलेगा। (एजेंसी)