Vishwakarma Jayanti 2024: भगवन विश्वकर्मा जी की जयंती पर जानें इस दिन का महत्त्व और पूजा विधि
Advertisement
Article Detail0/zeephh/zeephh2122606

Vishwakarma Jayanti 2024: भगवन विश्वकर्मा जी की जयंती पर जानें इस दिन का महत्त्व और पूजा विधि

Vishwakarma Jayanti 2024: 22 फरवरी, 2024 को मनाई जाने वाली विश्वकर्मा जयंती, भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने वाले भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है. यह इंजीनियरों, कारीगरों, मजदूरों और अन्य लोगों के लिए भी अधिक महत्व रखता है. भगवान विश्वकर्मा को दिव्य हथियारों का निर्माता माना जाता है और इस दिन उनकी विधि-विधान से पूजा की जाती है. 

 

Vishwakarma Jayanti 2024: भगवन विश्वकर्मा जी की जयंती पर जानें इस दिन का महत्त्व और पूजा विधि

Vishwakarma Jayanti 2024: विश्कर्मा जयंती देश भर में मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है. यह दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा के लिए समर्पित है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था. आज 22 फरवरी 2024 को भगवान विश्वकर्मा जयंती बड़ी संख्या में भक्तों द्वारा मनाई जा रही है. 

विश्‍वकर्मा जयंती का महत्‍व 
इस दिन को भगवान विश्‍वकर्मा की जयंती के रूप में मनाया जाता है. यह दिन इंजीनियरों, शिल्पकारों, मजदूरों, औद्योगिक श्रमिकों, बढ़ई, वास्तुकारों और मूर्तिकारों के लिए भी बहुत महत्व रखता है. उनके लिए, यह भगवान विश्वकर्मा(Vishwakarma Jayanti 2024)  को मनाने और अपने उपक्रमों, उद्यमों और व्यवसायों में सफलता के लिए उनका आशीर्वाद मांगने का एक महत्वपूर्ण दिन है. साथ ही इस शुभ अवसर पर, लोग हमारे ग्रह का निर्माण करने वाली दिव्य कारीगरी के प्रति अपना आभार और सम्मान व्यक्त करते हैं. 

ये भी पढ़े- कढ़ी पत्ता खाने से मिलते है गजब फायदे, जाने यहां और बिमारियों को कहें अलविदा

सुदर्शन चक्र, महादेव त्रिशूल और अन्य दिव्य हथियारों का श्रेय भी भगवान विश्वकर्मा(Vishwakarma Jayanti 2024) को दिया जाता है. इसके अलावा, उन्हें द्वारका में भगवान कृष्ण की हवेली और भगवान शिव और देवी पार्वती के लिए लंका के सोने के शहर, साथ ही इंद्रदेव के स्वर्ग जैसे दिव्य क्षेत्रों जैसी शानदार इमारतों के निर्माण का श्रेय भी दिया जाता है.

विश्वकर्मा जयंती अनुष्ठान 
विश्वकर्मा जयंती(Vishwakarma Jayanti 2024)  पर भक्त अपना दिन जल्दी शुरू करते हैं, सूर्योदय से पहले स्नान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं. वे पूजा करते हैं और अपने कारखाने, व्यवसाय और निवास की सफाई करते हैं. गंगा जल से क्षेत्र को शुद्ध किया जाता है. रंगोली बनाकर मंदिर में भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित की जाती है. उन्हें फूल चढ़ाए जाते हैं और देसी घी की ज्योत जलाई जाती है.

Trending news