हरियाणा की नई खेल नीति के तहत ओलंपिक और पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों को दी जाने वाली सरकारी जॉब में भेदभाव किए जाने से नाराज दिव्यांग खिलाड़ियों ने पैरा ओलंपिक मेडलिस्ट दीपा मलिक के नेतृत्व में खेल मंत्री संदीप सिंह से मुलाकात की
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विनोद लाम्बा/चंडीगढ़: हरियाणा की नई खेल नीति के तहत ओलंपिक और पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों को दी जाने वाली सरकारी जॉब में भेदभाव किए जाने से नाराज दिव्यांग खिलाड़ियों ने पैरा ओलंपिक मेडलिस्ट दीपा मलिक के नेतृत्व में खेल मंत्री संदीप सिंह से मुलाकात की, इस दौरान एबल और डिफरेंटली एबल खिलाड़ियों में फर्क न करने की मांग रखी गई है।
खेल मंत्री संदीप सिंह ने खिलाड़ियों की मांग को सीएम मनोहर लाल और कैबिनेट के समक्ष रखने का भरोसा दिया, साथ ही इस बाबत एक कमेटी का गठन किए जाने की बात कही जिसमें दिव्यांग खिलाड़ियों को भी शामिल किया जाएगा। पैरा ओलंपिक मेडलिस्ट दीपा मलिक ने बताया कि खेल मंत्री ने उनकी बात सीएम के समक्ष रखने का आश्वासन दिया है, पैरा ओलंपियन और अर्जुन अवॉर्डी अमित सरोहा ने कहा कि ओलंपिक में जीत पर ए ग्रेड की नौकरी और पैरा-ओलंपिक में मेडल के बाद बी ग्रेड की नौकरी खिलाड़ियों के साथ दुर्व्यवहार की तरह है। दिव्यांग संघ से जुड़े पदाधिकारियों ने भी इसे दिव्यांग खिलाड़ियों के साथ अन्याय करार दिया है।
वहीं, इस मसले को लेकर खेल मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि HSC और hps में सीधे खिलाड़ियों को भर्ती न किए जाने का फैसला सही है, उन्होने दावा किया कि कई खिलाड़ी इसके समर्थन में खड़े हैं, क्योंकि पुलिस में भर्ती होने वाले खिलाड़ियों का फोकस अपने खेल पर रहता है जिससे उनके प्रमोशन सहित जॉब करियर पर फर्क पड़ता है। हरियाणा कैबिनेट नई खेल पॉलिसी 2021 में लाने की तैयारी कर चुकी है, जिसके तहत ओलंपिक गोल्ड और एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाले एबल खिलाड़ी को ए ग्रेड नौकरी मिलेगी। वहीं, दिव्यांग खिलाड़ियों को इसी स्तर के पैरा ओलंपिक और दिव्यांगों के एशियन गेम्स के लिए गोल्ड जीतने के बाद भी b ग्रेड में नौकरी मिलेगी।
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