आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में हाईकोर्ट की युवराज सिंह को फटकार, कहा-पुलिस को मोबाइल सौंपे
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आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में हाईकोर्ट की युवराज सिंह को फटकार, कहा-पुलिस को मोबाइल सौंपे

अनुसूचित जाति समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के मामले में अपने खिलाफ दर्ज मामले को खारिज करने के लिए पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह की ओर से दायर याचिका पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) में सुनवाई हुई.

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नितिका माहेश्वरी/ चंडीगढ़ : अनुसूचित जाति समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के मामले में अपने खिलाफ दर्ज मामले को खारिज करने के लिए पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह की ओर से दायर याचिका पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) में सुनवाई हुई. हरियाणा के हांसी (Hansi) में युवराज पर एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Act) के तहत केस दर्ज किया गया है. 

शुक्रवार को युवराज की याचिका पर सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता पुनीत बाली ने युवराज सिंह की तरफ से पेश होकर हाईकोर्ट की बेंच के समक्ष कहा कि वह इस मामले में एक रिज्वाइंडर फाइल करना चाहते हैं. इसलिए उन्हें समय दिया जाए.

इस पर शिकायतकर्ता रजत कलसन के अधिवक्ता अर्जुन श्योराण ने कहा कि इस मामले में पहले ही बहुत समय दिया जा चुका है और आज की पेशी अंतिम बहस के लिए मुकर्रर थी. वह इस मामले में बहस करना चाहते हैं.

एक बार ही जांच में शामिल हुए युवराज

इस दौरान हाईकोर्ट  ने सरकारी वकील से जांच का स्टेटस पूछते हुए कहा कि क्या युवराज सिंह को जांच में शामिल किया गया है. इस पर सरकारी वकील ने बताया कि युवराज सिंह एक बार जांच में शामिल हुए हैं, लेकिन उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया और न ही उन्होंने अपना मोबाइल फोन पुलिस को सौंपा है. इस काम के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ आवश्यक है. 

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अगली सुनवाई 6 सितंबर को 

शिकायतकर्ता के अधिवक्ता अर्जुन श्योराण ने अदालत से कहा कि इस मामले में पेशी के लिए जल्दी तारीख दी जाए. अदालत ने इस मामले अगली सुनवाई के लिए 6 सितंबर की तारीख निर्धारित की.

कोर्ट ने कहा कि इस तारीख पर दोनों पक्षों की बहस सुनी जाएगी. अगर कोई पक्ष अपना कोई दस्तावेज या जवाब दाखिल करना चाहे तो इस तारीख से पहले कर सकता है. 

स्टे हटाने से गुरेज नहीं करेंगे 
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने युवराज सिंह के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि अगर आप जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो अदालत इस मामले में युवराज सिंह के खिलाफ जो सख्त कार्रवाई के बारे में रोक लगाई हुई है,अदालत उसे हटाने से गुरेज नहीं करेगी.

इस पर युवराज के वकील ने कहा कि पिटीशनर युवराज सिंह दुबई गए हुए हैं, उनके आते ही वह उन्हें जांच में शामिल कर सहयोग करेंगे. 

क्या है मामला 

आरोप है कि क्रिकेटर युवराज सिंह ने पिछले साल इंस्टाग्राम पर यजुवेंद्र चहल से वीडियो चैट करते हुए दलित समाज के लिए अपमानजनक टिप्पणी की थी जिस पर हांसी थाना शहर में अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था.

सुनवाई के दौरान पुलिस की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि युवराज सिंह ने जांच ज्वाइन कर ली, लेकिन जिस फोन या आईपेड के माध्यम से यह बातचीत हुई थी, वह अभी पुलिस को नहीं सौंपा गया. इस वजह से सही जांच नहीं हो सकती.

पुलिस के इस जवाब पर हाईकोर्ट ने युवराज सिंह के वकील को वह फोन या आईपेड पुलिस को सौंपने का आदेश दिया.

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