Haryana News: हरियाणा की सियासत से जुड़ा हुआ बड़ा समाचार सामने आ रहा है। विधानसभा चुनाव के बीच जननायक जनता पार्टी (JJP) और चंद्रशेखर आज़ाद की आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के बीच गठबंधन हो गया है।
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Haryana News: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए जननायक जनता पार्टी (JJP) और चंद्रशेखर आज़ाद की आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के बीच गठबंधन हुआ है। 90 सीटों में से JJP 70 सीटों पर और आज़ाद समाज पार्टी 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दुष्यंत चौटाला ने आज बड़ा ऐलान किया।
चंद्र शेखर आजाद ने कहा कि मुद्दे बिलकुल साफ हैं। जिसमें युवाओं के लिए रोजगार, गरीबों को महंगाई से राहत, सामाजिक न्याय और निजीकरण खत्म करना, प्रमोशन में आरक्षण, एमएसपी, बेहतर कानून व्यवस्था शामिल है। हमें उम्मीद है कि हमारा गठबंधन सभी 90 सीटें जीतेगा।
रात दुष्यंत चौटाला ने गठबंधन को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म (X) पर पोस्ट डाली थी। उन्होंने पोस्ट में लिखा था कि किसान- कमेरों की लड़ाई, हम लड़ते रहेंगे बिना आराम, ताऊ देवीलाल की नीतियां, विचारधारा में मान्यवर कांशीराम।
चौटाला ने कहा कि हम दोनों साथ मिलकर हरियाणा की 36 बिरादरी को लेकर चलेंगे। जब चौधरी देवीलाल देश के उपप्रधानमंत्री बने थे तब उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर का स्टैच्यू लगाने का प्रयास किया। चौधरी देवीलाल ने हमेशा से ही हरियाणा में एससी वर्ग के लोगों को आगे ले जाने का काम किया।
गौरतलब है कि अगामी चुनाव से पहले हरियाणा में जजपा के विधायक लगातार पार्टी छोड़ रहे हैं। अब तक छह विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं। वहीं रामकुमार गौतम शुरू से ही पार्टी के विरोध में बोलते रहे हैं। जननायक जनता पार्टी ने 2019 में दस सीट जीती थी और पूर्ण बहुमत से दूर रही भाजपा को समर्थन देकर प्रदेश की सरकार में साझेदार बनी थी।
किसान आंदोलन का पार्टी को नुकसान हुआ
इनेलो से अलग होकर बनी नई पार्टी जजपा का किसान वर्ग से कोर वोटर था। हरियाणा में किसान आंदोलन के दौरान जजपा को भाजपा का साथ छोड़ने की किसानों ने मांग की थी, लेकिन पार्टी गठबंधन में बनी रही। जिसका नुकसान लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। कई साक्षात्कार में खुद दुष्यंत चौटाला भी मान चुके हैं कि किसान आंदोलन के दौरान उन्हें पब्लिक सेंटिमेंट को समझने में चूक हुई है। जिसका उनको लोकसभा चुनाव में काफी नुकसान हुआ।