Beti bachao beti padhao: हिमाचल प्रदेश में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत बेटियों को आर्थिक मदद दी जा रही है. 'आशीर्वाद योजना' के तहत अनाथ बच्चियों को शिक्षा के लिए भी आर्थिक सहायता दी जा रही है.
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राकेश मल्ही/ऊना: मोदी सरकार ने देश के हर वर्ग के लिए कई योजनाएं और अभियान शुरू किए हैं. चाहे वो बेरोजगारों के लिए हो, किसानों के लिए हों या फिर महिलाओं के लिए, इन्हीं में से एक है 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान' जो बेटियों के लिए शुरू किया गया, जिसकी शुरुआत हरियाणा राज्य से हुई ताकि तेजी से बढ़ रही भ्रूण हत्या को खत्म किया जा सके. देशभर में इस अभियान के अच्छे परिणाम भी दिखे. ऐसे में अब हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान को विभिन्न विभागों के माध्यम से बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप लिंग अनुपात में सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं.
930 तक पहुंचा शिशु लिंगानुपात
उपायुक्त ऊना ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जिला में विभिन्न विभागों की ओर से महिला सशक्तिकरण की दिशा में कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के फलस्वरूप वर्तमान में शिशु लिंगानुपात लगभग 930 तक पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि 'गरिमा योजना' के तहत 80 मामलों में 14 लाख 91 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी की गई है, जिनमें बेटियों को गोद लेने के लिए 53 दम्पत्तियों 11 लाख 13 हजार रुपये और 18 बेटियों को शिक्षा के लिए 3 लाख 78 हजार रुपये का शिक्षा ऋण दिया गया है.
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इसके अलावा 15 अनाथ बच्चों को 6 लाख 3 हजार रुपये 64 ऐसी बच्चियां हैं जिनके पिता गंभीर बीमारी और शारिरिक अपंगता के कारण आजीविका चलाने में अक्षम हैं, उन्हें 18 लाख 63 हजार रुपये और अन्य ऐसे ही अनाथ बच्चों को 16 लाख 65 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है जबकि जिला ऊना में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 9 बेटियों को सम्मानित भी किया गया है.
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'आशीर्वाद योजना' के तहत को बच्चियों को दी जा रही आर्थिक मदद
उन्होंने कहा कि 'आशीर्वाद योजना' के तहत भी अनाथ बच्चियों को शिक्षा पूरी करने के लिए 37 लाख रुपये की राशि दी गई है. उपायुक्त ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पर जिला टास्क फोर्स द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें घरेलू हिंसा, विधिक साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, पॉस्को अधिनियम इत्यादि के बारे में जिला के विभिन्न स्थानों पर जागरुकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है.
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