Covid-19 : आर-वैल्यू से पता चलता है कि किसी विशेष क्षेत्र में कोरोना वायरस कितनी तेजी से फैल रहा है और कितने लोग कोविड संक्रमित व्यक्ति के कारण संक्रमित हो सकते हैं.
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नई दिल्ली : देश में कोरोना से मचे हाहाकार के बीच एक अच्छी खबर सामने आ रही है. IIT मद्रास के प्रारंभिक विश्लेषण के अनुसार, भारत का आर वैल्यू (R value) काम हो गया है. 7 से 13 जनवरी के बीच आर वैल्यू 2.2 दर्ज किया गया, जो पिछले दो हफ्तों से कम है.
आर-वैल्यू से पता चलता है कि किसी विशेष क्षेत्र में कोरोना वायरस कितनी तेजी से फैल रहा है और कितने लोग कोविड संक्रमित व्यक्ति के कारण संक्रमित हो सकते हैं.
प्रोफेसर नीलेश एस उपाध्याय और प्रोफेसर एस सुंदर की अध्यक्षता में IIT मद्रास के गणित विभाग और कम्प्यूटेशनल गणित और डेटा विज्ञान के उत्कृष्टता केंद्र ने कोरोना को लेकर एक विश्लेषण किया. इससे मिले आकंड़ों के अनुसार, मुंबई का आर वैल्यू 1.3, दिल्ली का 2.5, चेन्नई 2.4 और कोलकाता का 1.6 है.
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दरअसल 25 दिसंबर से 31 दिसंबर तक राष्ट्रीय स्तर पर आर वैल्यू 2.9 के करीब था, जबकि 1 जनवरी से 6 जनवरी के बीच यह 4 था. आर वैल्यू उन लोगों की संख्या को दर्शाता है, जिनमें एक संक्रमित व्यक्ति बीमारी फैला सकता है. यदि यह वैल्यू 1 से नीचे चला जाती है तो एक महामारी को समाप्त माना जाता है. IIT Madras में गणित विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ जयंत झा के मुताबिक R वैल्यू संक्रमण फैलने की संभावना, संपर्क दर और अपेक्षित समय अंतराल पर निर्भर करता है, जिसमें कोई व्यक्ति संक्रमित हो सकता है.
देश में कोविड-19 के 2,71,202 नए केस आने के बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 3,71,22,164 हो गए. रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक इनमें से ओमिक्रॉन वैरिएंट के 7,743 मामले भी शामिल हैं. देश में पिछले 24 घंटों में ओमिक्रॉन के 1,702 नए मामले सामने आए जो अब तक एक दिन में सामने आए मामलों के लिहाज से सर्वाधिक है. शनिवार से इसमें 28.17 प्रतिशत की वृद्धि हुई.