Indian Technomac Company Limited: हिमाचल प्रदेश में 6000 करोड़ का घोटाला करने वाली इंडियन टेक्नोमैक कंपनी अब नीलाम हो चुकी है. नीलामी प्रक्रिया के पहले चरण में कंपनी की 6 करोड़ 36 लाख रुपये चल-अचल संपत्ति (Real estate) नीलाम हुई.
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ज्ञान प्रकाश/पांवटा साहिब: आज से लगभग 8 साल पहले हिमाचल प्रदेश का नाम देश के बड़े घोटालों में शुमार करवाने वाली इंडियन टेक्नोमैक कंपनी की नीलामी शुरू हो चुकी है. कंपनी के संचालकों ने कंपनी के फर्जी कागजात तैयार कर देशभर के 16 बैंकों से लगभग 1800 करोड़ रुपये का लोन लिया है जबकि प्रदेश में लगभग 2100 करोड़ का वैट घोटाला किया है.
पकड़ा गया 2100 करोड़ का वेट घोटाला
यही नहीं, कंपनी के संचालक बिजली, इपीएफ, बीएफ और लेबर विभागों के सैकड़ों करोड़ रुपये तक डकार गई. इंडियन टेक्नोमैक कंपनी ने साल 2010 से 2014 तक किसी भी सरकारी विभाग की कोई देनदारी भी नहीं चुकाई, बल्कि फर्जी कागजात तैयार कर बैंकों से हजारों करोड़ का लोन ले लिया. 2014 में विभाग के तेज तरार अधिकारी तत्कालीन एइटीसी, जीडी ठाकुर ने जब कंपनी का 2100 करोड़ का वेट घोटाला पकड़ा तो विभाग सहित सरकार के भी होश उड़ गए. इस मामले में कार्रवाई शुरू हुई तो कंपनी के संचालकों ने प्लांट को ही बंद कर दिया और कंपनी का सीएमडी राकेश शर्मा देश छोड़कर फरार हो गया.
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ये एजेंसियां कर रहीं मामले की जांच
कंपनी की ओर से किए गए घोटाले सामने आने पर देश के नामी 16 बैंक भी सामने आए, जिनसे आर के शर्मा और उसके कर्मचारियों ने फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर लगभग 1800 करोड़ का लोन उठाया था, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. बीते लगभग 8 वर्षों से इस मामले में प्रदेश आबकारी एवं कराधान विभाग के अलावा स्टेट सीआईडी और सीबीआई समेत कई एजेंसियां मामले की जांच में जुटी हैं.
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नीलामी से 6 करोड़ 35 लाख की आमदनी हुई हासिल
अब प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद कंपनी की नीलामी प्रक्रिया शुरू हो गई है. बीते दिन 18 जनवरी को 6 सबब्लॉकों की नीलामी भी हो चुकी है. इस नीलामी से सरकार को 6 करोड़ 35 लाख की आमदनी हासिल हुई है. अब फरवरी में कंपनी के बाकी संसाधनों की नीलामी के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएगे और नीलामी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा. बता दें, प्रदेश में सबसे बड़ा वित्तीय घोटाला करने वाली कंपनी की कुल 165 करोड़ की संपत्ति नीलाम की जानी है.
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