9/11 Remembrance Day 2024: आज ही के दिन 11 सिंतबर 2001 मंगलवार को दुनिया का सबसे बड़ा और भयानक आतंकवादी हमला हुआ था.
11 सितम्बर 2001 की सुबह अल-कायदा से सम्बद्ध 19 आतंकवादियों ने चार वाणिज्यिक विमानों पर कब्जा कर लिया था. इनमें से दो विमानों को न्यूयॉर्क शहर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर्स में उड़ा दिया गया. तीसरे विमान ने वर्जीनिया के आर्लिंग्टन स्थित अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन पर हमला किया. चौथा विमान, यूनाइटेड एयरलाइंस फ्लाइट 93, वाशिंगटन डीसी के लिए उड़ान भर रहा था, लेकिन यात्रियों ने विमान पर नियंत्रण पाने के लिए संघर्ष किया, और विमान पेंसिल्वेनिया के एक मैदान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
इस हादसे के कारण सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के होश उड़ गए थे. उस दिन से लेकर आज तक अगर किसी को यह हादसा याद आता है तो लोगो की रुह कांप उठती है. तब से यह हादसा दुनिया का सबसे दर्दनाक हादसों मे से एक है.
11 सितंबर का ये दिन देशभक्त दिवस के रूप में भी जाना जाता है. यह संयुक्त राज्य अमेरिका में सेवा और स्मरण का राष्ट्रीय दिवस है. यह 11 सितंबर, 2001 को हुए आतंकवादी हमलों के पीड़ितों को याद करने के लिए मनाया जाता है. इस दिन को 11 सितंबर राष्ट्रीय सेवा और स्मरण दिवस या 9/11 दिवस के रूप में भी जाना जाता है.
18 दिसम्बर 2001 को अमेरिकी सरकार द्वारा कानून बनाया गया पैट्रियट दिवस, 11 सितंबर को पूरे देश में मनाया जाता है. इस दिन कई समारोह और मौन के क्षण मनाए जाते हैं जिनमें 8:46 बजे का समय भी शामिल है जो विश्व व्यापार केंद्र के उत्तरी टॉवर पर पहले हमले का समय है.
इस हादसे में कुल 2,977 लोगों की मौत हुई थी इनमें से कुछ लोगों की मौत न्यूयॉर्क में हुई थी इन चार विमानों में कुल 246 यात्री और चालक दल के सदस्य इनको मिलाकर सबकी मौत हो गई और इन सब के इलावा वर्ल्ड ट्रेड टॉवर की दोनों इमारतों के गिरने से 2,606 लोगों की मौत हुई पेंटागन में हुए हमले में 125 लोगों की मौत हुई थी
रिपोर्ट्स के मुताबिक मुस्लिम आंतकवादी की टीम अल क़ायदा ने अफ़ग़ानिस्तान से इन सब हमलों को अंजाम दिया था. अल क़ायदा और उसके 19 साथियों ने मिलकर इस हादसे को अंजाम दिया था. इनका तीन हमलावरो का समूह था और उनमें पांच-पांच हमलावर थे जबकि चौथी टीम में चार हमलावर शामिल थे. इन 19 में 15 आंतकवादी सऊदी अरब से थे और दो संयुक्त अरब अमीरात के सदस्य थे.
11 सितंबर के हमले के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने अल क़ायदा और ओसामा बिन लादेन को अफ़ग़ानिस्तान में हमला करके इनको खत्म करने का फैसला लिया और इस सब मामलो में अमेरिका को काफी देशों से मदद भी मिली. दस साल बाद 2011 में ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी सैनिकों ने पाकिस्तान के एबटाबाद में मारा था.
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