UP News: पिछले 24 घंटों के अंदर उत्तर प्रदेश में जहाँ आधे दर्जन से ज्यादा बलात्कार और सामूहिक बलात्कार की घटनाएं सामने आयी हैं, वहीँ पांच लड़कियों की संदिग्ध हालत में आत्महत्या करने की घटनाएं दर्ज की गयी है. इनमें दो मामलों को पुलिस जहाँ आत्महत्या बता रही है, वहीँ परिजनों ने लकड़ियों की हत्या का इलज़ाम लगाया है.. मौत की वजह जो भी हो लेकिन एक सवाल सभी को डरा रहा है कि राज्य में आखिर लड़कियों/ महिलाओं के साथ ये क्या, क्यों और कैसे हो रहा है?
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फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद के फतेहगढ़ में आखिर बेटियों को कौन डरा रहा है ? वो कौन सी मुश्किल में फंसी हैं? किस बात से वो सहमी हुई हैं ? आखिर क्यों वो आत्महत्या कर रही हैं ? मंगलवार को फतेहगढ़ में दो दलित लड़कियों के शव आप के पेड़ से लटके पाए गए थे. पहले कहा गया की दोनों की हत्या हुई है, लेकिन बुधवार को डॉक्टरों के एक पैनल ने कहा की उनकी मौत आत्महत्या यानी फांसी लगने से हुई.
इस घटना को 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि फर्रुखाबाद शहर कोतवाली क्षेत्र के इस्माईलगंज मोहल्ला में विनोद गुप्ता की 18 वर्षीय पुत्री कशिश गुप्ता दोपहर में अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं, एक तीसरी वारदात में बुधवार को मैनपुरी जिले के कुरावली थाना क्षेत्र में इंटर में पढने वाली दो सहेलियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. दोनों छात्राओं की मौत स्कूल से लौटने के बाद हो गयी. प्रदेश में बलात्कार की बढती घटनाओं के बीच महिला सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों के बीच ये एक नई मुसीबत सामने आ रही है, कि लड़कियों की आखिर संदिग्ध हालात में कैसे मौतें हो रही है?
डॉक्टर ने कहा, लड़कियों ने आत्महत्या की है, मृतक का बाप बोला रिपोर्ट झूठे हैं
गौरतलब है की उत्तर प्रदेश के फतेहगढ़ में मंगलवार को एक गांव के बाहर दो दलित लड़कियों के शव पाए गए थे. पुलिस ने मंगलवार को बताया था कि 15 और 18 साल की दलित लड़कियां 26 अगस्त की रात करीब 10 बजे जन्माष्टमी के मौके पर पास के मंदिर में जाने के लिए अपने घर से निकली थीं, लेकिन वापस नहीं लौटीं. वे दोनों भगौतीपुर गांव की निवासी थीं. परिजनों ने दोनों लड़कियों के हत्या का इलज़ाम लगाया था. बुधवार को घर वालों ने लकड़ियों के शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया और घटना की सीआईडी जांच की मांग करते हुए हंगामा किया. हंगामे के बाद मौके पर पहुंचकर जिलाधिकारी वीके सिंह और पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने परिजनों को समझा बुझाकर लड़कियों के शवों का अंतिम संस्कार करवाया.
वहीँ, इस मामले में दोनों लड़कियों का पोस्टमॉर्टम करने वाले मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) अवनींद्र सिंह ने कहा, लड़कियों की मौत फांसी लगाने से हुई है. शवों पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं पाए गए हैं. सीएमओ ने कहा कि डॉक्टर के पैनल ने बलात्कार की संभावना को खारिज करने के लिए योनि द्रव की स्लाइड प्रयोगशाला में भेजी है. पुलिस टीमें अब उन कारणों की जांच कर रही हैं, जिनकी वजह से लड़कियों को यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. इस बीच, मृत लड़कियों में से एक के पिता ने इलजाम लगाया है कि पोस्टमॉर्टम के नतीजे झूठे हैं, और रिपोर्ट फर्जी है.
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इंटर की छात्रा ने घर में लगा ली फांसी
वहीं दूसरी घटना में फर्रुखाबाद शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला इस्माईलगंज साहनी निवासी विनोद गुप्ता की 18 साल की बेटी कशिश गुप्ता, जो इंटर की छात्रा थी, उसने घर में दुपट्टे से लटककर फांसी लगा ली. उस वक़्त वो घर में अकेली थी. बहन को फांसी पर लटका देखकर उसके छोटे भाई मयंक ने शोर मचाया, और आस पड़ोस के लोगों को बुलाया. कशिश को फांसी के फंदे से नीचे उतारकर लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टर नीरज वर्मा ने कशिश को मृत घोषित कर दिया. कशिश के पिता विनोद गुप्ता ने बताया कि हादसे के वक़्त उनकी पत्नी सुधा किसी काम से फतेहगढ़ गई थी. उनके दो लड़के और एक बेटी थी. एक बेटा पारस पड़ोस के मोहल्ले में नौकरी करता है, जबकि दूसरा बेटा मयंक हादसे के वक़्त स्कूल गया हुआ था. पिता ने बताया कि कशिश का किसी से किसी तरह का कोई विवाद नहीं था.
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इंटर की दो छात्राओं की संदिग्ध मौत
ऐसे ही एक तीसरी घटना में मैनपुरी जिले के कुरावली थाना क्षेत्र में इंटर की दो छात्राओं की संदिग्ध हालात में मौत हो गई है. दोनों आपस में सहेली थी, और साथ में स्कूल आना जाना करती थी. दोनों छात्राओं ने स्कूल से लौटने के बाद पेट दर्द की शिकायत की थी. इसके बाद दोनों को अलग-अलग अस्पताल में दाखिल कराया गया था, जहां इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गयी. दोनों छात्राएं मलावन के आररस इंटर कॉलेज में इंटर की पढाई करती थी. घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. हादसे के बाद इलाके में इस बात की चर्चा है कि आखिर दोनों लड़कियों को एक साथ पेट में दर्द और फिर उनकी मौत कैसे हुई? प्रदेश में लड़कियों, छात्राओं, महिलाओं के साथ हो रहे बलात्कार और उनकी संदिग्ध मौतों ने आम लोगों को भय और निराशा में डाल दिया है.
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