गूगल ने Bhupen Hazarika पर बनाया डूडल, बॉलीवुड में जबरदस्त काम के लिए मिला दादा साहब फाल्के पुरस्कार
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गूगल ने Bhupen Hazarika पर बनाया डूडल, बॉलीवुड में जबरदस्त काम के लिए मिला दादा साहब फाल्के पुरस्कार

Bhupen Hazari Doodle on Google: गूगल ने आज एक ख़ास शख्सियत के लिए डूडल बनाया है. यह डूडल एक मल्टी टैलेंटिड शख्सियत का है जो ना सिर्फ अपने गानों, कविताओं के लिए जाने जाते हैं बल्कि संगीत के साथ-साथ संस्कृति में उत्तम योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, दादा साहब फाल्के पुरस्कार और पद्म भूषण जैसे पुरस्कार से नवाज़े जा चुके हैं.

गूगल ने Bhupen Hazarika पर बनाया डूडल, बॉलीवुड में जबरदस्त काम के लिए मिला दादा साहब फाल्के पुरस्कार

Bhupen Hazari Doodle on Google: आज जब अपने मोबाइल, कंप्यूटर या लैपटॉप पर गूगल (Google) खोलेंगे तो आपको गूगल पर बने एक गीतकार का डूडल (Doodle) दिखेगा. आप में से ज़्यादातर लोग इस डूडल के बारे में जानते नहीं होंगे कि ये डूडल पर बनी तस्वीर किसकी है और इसे आज के दिन डूडल क्यों बनाया गया है? तो परेशान मत होइए आज हमकों इस डूडल के बारे में पूरी जानकारी देंगे. दरअसल, गूगल ने जो डूडल बनाया है वो भूपेन हज़ारिका (Bhupen Hazarika) का है. जिनके हाथ में हार्मोनियम दिख रहा है और चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल. डूडल में हज़ारिका कंधे पर असम की पहचान वाला एक गमछा भी डला हुआ है. 

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भूपेन हज़ारिका को सुधा कोंठी (Sudha Konthi) के नाम से जाना जाता है. इनकी आज 96वीं जयंती है. इसलिए आज के दिन गूगल ने उनका डूडल बनाकर ट्रिब्यूट किया है. बता दें कि भूपेन हज़ारिका प्रतिद्वंदी और रुदाली जैसी फिल्मों का संगीत देने वाली शख्सियत ही नहीं माने जाते है. वह एक गायक, कवि, गीतकार और फिल्मकार भी थे. दिग्गज संगीतकार के डूडल को मुबंई के एक आर्टिस्ट ऋतुजा माली ने बनाया है.

बचपन से सीखी कला को रखा कायम
हज़ारिका 8 सितंबर, 1926 को असम के सादिया में जन्मे थे. उनके पिता का नाम नीलकंठ और मां का नाम शांतिप्रिय हज़ारिका था. भूपेन हज़ारिका का बचपन ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे के ज़िंदगी पर बने गीतों और लोक कथाओं के बीच गुजरा. उन्होंने जो बचपन में सीखा उसे अपनी कला में बखूबी उतारा. दिग्गज संगीतकार भूपेन हज़ारिका का 5 नवंबर 2011 में मिधन हो गया.

दादा साहेब फाल्के और पद्म भूषण से नवाज़े गए संगीतकर
भूपेन हज़ारिका वह शख़्सियत हैं जिन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. हज़ारिका को सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय फिल्म के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है साथ ही फिल्मी दुनिया का सबसे बड़ा अवार्ड दादा साहेब फाल्के से भी उन्हें नवाज़ा जा चुका है. इतनी ही नहीं हज़ारिका को कला के क्षेत्र में अपना योगदान देने कि लिए पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था. 

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