इस साल बॉलीवुड ने अपने कई अज़ीम गुलुकार और संगीतकारों को खोया है, उन्होंने अपनी आवाज़ का जादू कई दहाईयों तक बखेरा और ऐसे गानों को आवाज दी है जिसे लोग रहती दुनिय तक याद रखेंगे, कृष्ण कुमार कुन्नथ उन्हीं फनकारों में से एक हैं जिन्हें दुनिया केके के नाम से जानती पहचानती और मानती है.
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नई दिल्ली: कहते हैं कि फनकार कभी नहीं मरता. जिस्म से रूह जुदा हो जाती है लेकिन फनकार की फनकारी रहती दुनिया तक लोगों के ज़हन व दिल में बरक़रार रहती है और फनकार की अज़मत की याद दिलाती रहती है. आवाज़ की दुनिया के जादूगर बॉलीवुड सिनेमा के मशहूर सिंगर केके भी उन्हीं अज़ीम फनकारों में से एक हैं जिन्हें दुनिया कभी फरामोश नहीं कर पाएगी. उनकी गुलुकार की अज़मत पर आने वाले दौर के सिंगर रश्क करेंगे. केके बज़ाहिर इस फानी दुनिया से मुंह मोड़ कर हमेशा के लिए ख़ामूश हो चुके हैं. लेकिन उनके मद्दाह और चाहने वाले यक़ीन नहीं कर पा रहे हैं. उनके गाये हुए गीतों का सुरूर लोगों के दिलों पर छाया हुआ है. सछ पूछो तो दुनिया में अपने गानों धाक बैठने वाले सिंगर केके (KK) के इंतेक़ाल ने पूरी फिल्म इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया है. इस साल बॉलीवुड ने अपने कई अज़ीम गुलुकार और संगीतकारों को खोया है, उन्होंने अपनी आवाज़ का जादू कई दहाईयों तक बखेरा और ऐसे गानों को आवाज दी है जिसे लोग रहती दुनिय तक याद रखेंगे, कृष्ण कुमार कुन्नथ उन्हीं फनकारों में से एक हैं जिन्हें दुनिया केके के नाम से जानती पहचानती और मानती है.
केके को यूं तो बचपन से ही गीत व संगीत का मलका हासिल था और वो बतरीज इसमें महारत हासिल करते गए. केके ने बज़ाब्ता तौर से 1996 में अपनी म्यूजिक जर्नी शुरू की थी. इन 26 सालों में केके ने कई मशहूर गाने गाए, जिसकी वजह से वो मक़बूलियात के आसमान पर चमकते रहे. बॉलीवुड में केके को पहला ब्रेक मेगास्टर सलमान ख़ान ने दिया था. सलमान खान की फिल्म हम दिल दे चुके सनम में उनका गया हुआ गाना 'तड़प-तड़प के इस दिल से आह निकलती रही' इतना हिट हुआ था कि केके रातों रात स्टर सिंगर बन गए और फिर कभी पीछे पलट के नहीं देखा. इतना ही नहीं गायक बॉलीवुड अदाकार सलमान खान, शाहरुख खान और अक्षय कुमार जैसे कई सुपरस्टार की आवाज बन गए. इमरान हाशमी की कई फिल्मों में उन्होंने गाना गया जो आज भी लोगों में मक़बूल हैं.
मौत उसकी है करे जिसका ज़माना अफसोस
यूं तो दुनिया में सभी आए हैं मरने के लिए
गुज़िश्ता एक साल के अंदर फिल्म और मनोरंजन इंडस्ट्री को कई गहरे सदमे देकर गया है. इसी साल 6 फरवरी को हमने अज़ीम गुलुकार सुरों की मलका लता मंगेशकर को खो दिया जो गीत व संगीत की दुनिया में इस सदी की सबसे बड़ा खला है. वहीं डिस्को डांसर समेत कई क्लासिकी गीतों को आवाज़ और मौसिक़ी देने वाली बप्पी लाहिड़ी (Bappi lahiri) भी फरवरी के महीने में ही इस दुनिया को छोड़ कर चले गए. आज से ठीक दो साल पहले आज ही के दिन गीतकार और संगीतकार साजिद-वाजिद की मशहूर जोड़ी के रुक्न वाजिद खान ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया था. दिलीप कुमार, इरफान खान, ऋषि कपूर, राजीव कपूर शशिकला, अमित मिस्त्री, राज कौशल (Raj kaushal), श्रवण राठौर, वनराज भाटिया, सुरेखा सिकरी, सिद्धार्थ शुक्ला (Siddharth Shukla), अनुपम श्याम, चंद्रकांत पांडे समेत कई दिगर लोगों को भी हमने खो दिया. गुज़िश्ता दिनों पंजाब के एक मशहूर और उभरते बासलाहियत संगर सिद्धू मूसेवाले को भी ज़ालिम दुनिया ने हमसे छीन लिया.
ये एक हक़ीकत है फनकार कभी नहीं मरता अपने काम में हमेशा ज़िंदा रहता हैं. बॉलिवुड की इन हस्तियों ने अपने काम से जो मुकाम हासिल किया है, वो हमेशा ज़िंदा और ताबिंदा रखेंगे. जाने वाले तो चले जाते हैं लेकिन उनकी यादें कभी नहीं जाती वो हमेशा अपने चाहने वालों के दिलों में जगमगाती रहती हैं, और अहदे रफ्ता की याद दिलाती रहती हैं. केके भी हमेशा के लिए अपने चाहने वालों के दिलों में क़ैद हो गए हैं.
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