Uttarakhand Madarsa Sanskrit: उत्तराखंड के मदरसों में अब संस्कृत पढ़ाई जाएगी. नए सेशन से स्टूडेंट्स को संस्कृत एक सब्जेक्ट के तौर पर दिखाई देगा. पूरी खबर पढ़ें.
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Uttarakhand Madarsa Sanskrit: उत्तराखंड सरकार मदरसों में अलग-अलग बदलाव कर रही है. अब यहां अरबी के साथ-साथ संस्कृत की तालीम भी दी जाएगा. यानी मदरसे के छात्रों को आम स्टूडेंट से ज्यादा भाषाएं सीखनी होेगी. जिसमें हिंदी, इंग्लिश, अरबी, उर्दू और संस्कृत शामिल है.
इस मामले को लेकर उलेमाओं का रिएक्शन सामने आया है. उनका कहना है कि मदरसों में संस्कृत पढ़ाने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन इसे थोपा नहीं जाना चाहिए. जो बच्चे संस्कृत पढ़ना चाहते हैं वह संस्कृत पढ़ सकते हैं. यानी इसे एक ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर रखना सही है.
वहीं, इस मसले को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना आरिफ का कहना है कि संस्कृत सब्जेक्ट को अगर कोई मदरसा पढ़ाना चाहता है और कोई बच्चा इसे पढ़ना चाहता है तो वह इसे पढ़े. लेकिन, बोर्ड को इसे थोपना नहीं चाहिए.
जागरन की रिपोर्ट के मुताबिक इस मसले को लेकर मुफ्ती रियासत अली का कहना है कि इसे थोपना जरूरी नहीं है. पढ़ाई अच्छी चीज है और ज्ञान होना चाहिए. संस्कृत पढ़ेंगे को उन्हें पता चलेगा कि दीन धर्म क्या है. जो मदरसे संस्कृत पढ़ाना चाहते हैं वह इसे पढ़ाएं.
वहीं इस मसले को लेकर उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के चीफ मुफ्ती समून कामसी का कहना है कि मदरसे पर पाठ्यक्रम को थोपा जा रहा है. इसे मदरसे के ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अरबी और संस्कृत दोनों की प्रचीन भाषाएं हैं. उन्होंने जानकारी दी कि नए सेशन से संस्कृत पढ़ाई जाएगी. उत्तराखंड में कुल 416 मदरसे हैं.
बता दें उत्तराखंड के मदरसों में 2023 में एनसीईआरटी कोर्स लागू हुआ था. जिसके बाद इस साल काफी अच्छी नतीजें आए हैं. इससे साफ होता है कि मदरसे के स्टूडेंट्स में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है.