Israel blast Hezbollah pagers: इजराइल ने ऐसा काम किया है, जिससे पूरी दुनिया हैरान है. हिजबुल्लाह के जरिए इस्तेमाल किए जा रहे पेजर्स को ब्लास्ट कराया गया. जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई और 2800 लोग घायल हुए.
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Israel blast Hezbollah pagers: बीते रोज हिजबुल्लाह के लड़ाकों के जरिए इस्तेमाल किए जाने वाले पेजर्स में ब्लास्ट हुआ, इस हमले में 9 लोगों की मौत हो गई और 2800 लोग घायल हो गए. हिजबुल्लाह ने आरोप लगाया कि यह काम इजराइल का था और इसकी सजा वह उसे देकर रहेगा. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर इन पेजर्स में कैसे ब्लास्ट हो गया और क्या मोबाइल फोन भी पूरी तरह से महफूज नहीं है. आइये आपके सवालों के हम जवाब देते हैं.
बता दें, पेजर्स एक तरह के डिवाइस होता है, जिसका इस्तेमाल कॉम्यूनिकेशन के लिए किया जाता है. लेबनान के एक सीनियर सिक्योरिटी सोर्स ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि यह एक्सप्लोज़न एक कोडिड मैसेज के जरिए किया गया है, जो सभी पेजर्स को भेजा गया था.
सूत्र ने रॉयटर्स को बताया, "मोसाद ने डिवाइस के अंदर एक बोर्ड लगाया था, जिसमें विस्फोटक था, जो एक कोड के जरिए एक्टिवेट होता था. किसी भी जरिए से इसका पता लगाना बहुत मुश्किल है. यहां तक कि किसी भी डिवाइस या स्कैनर से भी इसका पता नहीं लगाया जा सकता." जैसे ही सभी के पास वह कोडिड मैसेज भेज गया तो यह एक्टिवेट हो गया और ब्लास्ट होने शुरू हो गए.
ईरान समर्थित हिजबुल्लाह ने ताइवान मे मौजूद निर्माता गोल्ड अपोलो से 5,000 पेजर मंगवाए थे, जिन्हें अप्रैल और मई के बीच देश में तस्करी करके लाया गया था. एक सुरक्षा सूत्र ने विस्फोटित पेजर के मॉडल की पहचान AP924 वैरिएंट के तौर पर की है. क्षतिग्रस्त पेजर की तस्वीरों से यह भी पता चला कि पीछे की तरफ एक डिज़ाइन और स्टिकर थे जो गोल्ड अपोलो के जरिए बने पेजर से मेल खाते थे. हालांकि कंपनी के फाउंडर Hsu Ching-Kuang का कहना है कि उनकी कंपनी ने पेजर्स को तैयार नहीं किया था.
स्काई न्यूज अरेबिया ने सूत्रों को हवाले से जानकारी दी कि इज़रायली जासूसी एजेंसी ने गैजेट्स की बैटरियों पर हाईली एक्सप्लोसिव मटीरियल PETN की एक बड़ी मात्रा रखी थी, और बैटरियों का तापमान बढ़ाकर उनमें विस्फोट कर दिया.
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक रखा हुआ एक्सप्लोसिव केवल 20 ग्राम का था, और जिन पेजर्स में यह ब्लास्ट हुआ उन्हें पांच महीने पहले लाया गया था. इस मामले की जांच की जा रही है कि आखिर कैसे इन एक्सप्लोसिव को एक्टिवेट किया गया. हालांकि, इजराइल का इस मामले में कोई बयान नहीं आया है.
पेजर्स काफी पुरानी टेकनोलोजी है, जिसका इस्तेमाल हिजबुल्लाह करता आ रहा है. इसके पीछे वजह इजराइल और दूसरी एजेंसियों से छिपे रहना है. पेजर्स को ट्रैक करना काफी मुश्किल काम है. इससे इंसान की सही लोकेशन का भी पता चलना भी मुश्किल है.
यह पहली बार नहीं है जब इज़राइल ने कुछ ऐसा कदम उठाया है. इससे पहले हमास लीडर याह्या अय्याश को मारने के लिए इजराइल की एजेंसी शिन बेट ने मोबाइल फोन में आरडीएक्स एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल किया था. उसका डिवाइस उस वक्त फट गया था जब वह अपने पिता से बात कर रहा था.