ईरान ने डाला दबाव, तो झुक गया इज़राइल! हमास की यह कभी न मानने वाली शर्त भी मानी
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ईरान ने डाला दबाव, तो झुक गया इज़राइल! हमास की यह कभी न मानने वाली शर्त भी मानी

Israel Hamas War Update: गाजा में अब तक 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें सबसे ज्यादा बच्चें और महिलाओं की मौत हुई है.गाजा में चल रहे युद्ध के बीच, हमास का एक कदम मिडिल ईस्ट में शांति लौट सकती है.

ईरान ने डाला दबाव, तो झुक गया इज़राइल! हमास की यह कभी न मानने वाली शर्त भी मानी

Israel Hamas War Update: गाजा में पिछले साल 7 अक्टूबर 2023 से जंग जारी है. इस हिंसा में अब तक 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें सबसे ज्यादा बच्चें और महिलाओं की मौत हुई है.गाजा में चल रहे युद्ध के बीच, हमास का एक कदम मिडिल ईस्ट में शांति लौट सकती है. क्योंकि इजरायल ने अमेरिका के नए प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और गाजा में सीजफायर के लिए राजी हो गया है. अब हमास को यह तय करना है कि वह गाजा में शांति बहाल करना चाहता है या इजरायल के साथ युद्ध जारी रखना चाहता है.

'ब्रिजिंग प्रपोजल' को इजरायल ने किया स्वीकार
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को एक 'ब्रिजिंग प्रपोजल' दिया था. इस प्रस्ताव में गाजा में सीजफायर समझौते को रोकने वाली असहमतियों से निपटने की योजना शामिल है. एंटनी ब्लिंकन ने कहा, "इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने वाशिंगटन के जरिए पेश किए गए 'ब्रिजिंग प्रपोजल' को स्वीकार कर लिया है. इस प्रस्ताव में गाजा में युद्ध विराम समझौते को रोकने वाली असहमतियों से निपटने की योजना है."

हमास के इस एक कदम के बाद ईरान इजरायल पर नहीं कर पाएगा हमला
इसके साथ ही ब्लिंकन ने हमास से भी इस प्रस्ताव को एक्सेप्ट करने की गुजारिश की है. अब हमास के पाले में गेंद है. अगर हमास इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है, तो मिडिल ईस्ट में शांति लौट सकती है. क्योंकि हाल में ईरान के कुछ अधिकारी ने जराए से बताया था कि अगर गाजा में सीजफायर हो जाता है, तो वह इजरायल पर हमला नहीं करेगा. यहीं वजह है कि अमेरिका इजरायल से सीजफायर के लिए दबाव बना रहा है. 

अमेरिकी विदेश मंत्री ने क्या कहा?
इजरायल दौरे पर अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, "पीएम नेतन्याहू के साथ मेरी बहुत ही रचनात्मक बैठक हुई. उन्होंने मुझे तस्दीक की है कि इजरायल ब्रिजिंग प्रपोजल को स्वीकार कर रहा है और वह इसका समर्थन करते हैं. अब हमास को भी ऐसा ही करना है. फिर मध्यस्थों (अमेरिका, मिस्र और कतर) की मदद से सभी पक्षों को एक साथ आना होगा. उन्हें स्पष्ट करना होगा कि वे इस समझौते के तहत की गई प्रतिबद्धताओं को कैसे लागू करेंगे."

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