Maldives Election: मालदीव के चुनाव यह तय करेंगे कि मुइज्जू का भारत के खिलाफ अभियान उनके लिए फायदेमंद है या नहीं. उनके चीन के करीबी हैं जबकि भारत के मुखालिफ.
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Maldives Election: मालदीव में आज यानी रविवार को संसदीय चुनाव हो रहे हैं. यह इलेक्शन मालदीव के मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के लिए सख्त इम्तिहान है. हाल ही में मुइज्जू ने भारत के खिलाफ अभियान चलाया है. इसके बाद वहां के लोगों ने मुइज्जू की नीतियों की मुखालफत की. भ्रष्टाचार को लेकर मुइज्जू की पूरे देश में आलोचना हो रही है. उम्मीद की जा रही है कि मालदीव में विपक्षी पार्टी डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) बहुमत हासिल करे.
भारत के खिलाफ मुइज्जू
मुइज्जू भारत के खिलाफ हैं, जबकि वह चीन के नजदीक हैं. मुम्किन है उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़े. 45 साल के मुइज्जू ने चीन के समर्थक पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के प्रतिनिधि के तौर पर पिछली बार राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी.
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मुइज्जू बने रोड़ा
इस महीने पूर्ववर्ती इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) भारत से रिश्ते अच्छी करने की कोशिश की. लेकिन मुइज्जू इंतेजामिया ने भारत और मालदीव के दरमियान बाधा डालने की कोशिश की.
मुइज्जू को उम्मीद
मालदीव में मुइज्जू की पार्टी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (PNC) समेत किसी भी पार्टी के लिए बहुमत हासिल करना आसान नहीं है. हालांकि मुइज्ज को लगता है कि उनकी पार्टी कुछ अच्छा कर पाएगी. इसकी वजह है उनके गुरू यमीन को नजरबंदी से इसी हफ्ते रिहा किया गया है.
चीन के करीबी यामीन
मुइज्जू के गुरू यामीन सत्ता में रहते हुए भारत के विरोधी रहे हैं. उन्होंने चीन से करीबी का सपोर्ट किया है. वह पिछली बार सजा की वजह से चुनाव नहीं लड़ सके थे. इसके बाद उन्होंने मुइज्जू को आगे किया. हाल ही में जब यामीन रिहा हुए तो उन्होंने भारत विरोधी अभियान को जारी रखने की बात कही.
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