पाकिस्तान के इस्लामिक संविधान से की भारत के संविधान की तुलना, असम CM बोले "नहीं रहेगा कोई मुस्लिम"
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पाकिस्तान के इस्लामिक संविधान से की भारत के संविधान की तुलना, असम CM बोले "नहीं रहेगा कोई मुस्लिम"

Himanta on Constitution: असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिश्व शर्मा ने भारत के संविधान की तुलना पाकिस्तान के संविधान से की है. उनके मुताबिक पाकिस्तान का संविधान इस्लाम की बुनियाद पर है तो भारत का गीता की.

पाकिस्तान के इस्लामिक संविधान से की भारत के संविधान की तुलना, असम CM बोले "नहीं रहेगा कोई मुस्लिम"

Himanta on Constitution: असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिश्व शर्मा ने गीता महोत्सव में बोलते हुए मुस्लिमों पर निशाना साधा. उन्होंने प्रोग्राम में कहा कि वेद, उपनिषद और भगवद्गीता वह आधार हैं जिस पर भारतीय संविधान लिखा गया है. उन्होंने आगे कहा कि यह धर्मनिरपेक्ष है क्योंकि इसके निर्माता हिंदू थे और इन ग्रंथों में यकीन करते थे. शर्मा हरियाणा में ब्रह्म सरोवर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विपरीत, जिसका संविधान इस्लाम की बुनियाद पर बना है, भारत का संविधान उन लोगों द्वारा लिखा गया जो वेदों, उपनिषदों और भगवद्गीता में यकीन करने वाले हिंदू थे. 

कृष्ण का ताल्लुक असम से
हिमन्त बिश्व शर्मा ने कहा, ‘‘वेद, उपनिषद और भगवद्गीता वह आधार हैं जिस पर भारतीय संविधान लिखा गया था.’’ भगवान कृष्ण के साथ असम के सदियों पुराने संबंध का जिक्र करते हुए शर्मा ने कहा कि वह असम के ‘दामाद’ थे क्योंकि उन्होंने रुक्मिणी के साथ शादी की थी. असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रागज्योतिषपुर के राजा भगदत्त ने महाभारत के युद्ध में कौरवों के लिए लड़ाई लड़ी थी और उनकी वीरता का भगवद्गीता में विशेष उल्लेख मिलता है. 

हरियाणा से असम का ताल्लुक
शर्मा ने कहा, ‘‘पांडव योद्धा भीम ने असम की हिडिंबा से शादी की और उनकी शादी से एक महान योद्धा घटोत्कच का जन्म हुआ, जिसने कुरुक्षेत्र के युद्ध में पांडवों का साथ दिया था.’’ शर्मा ने पांडव योद्धा अर्जुन का भी नाम लिया जिन्होंने मणिपुर में शादी की थी. भगवद्गीता की शिक्षाओं पर बात करते हुए शर्मा ने कहा कि संक्षेप में यह सिखाता है कि एक पूर्ण इंसान कैसे बनें और भगवान के साथ कैसे रहें. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताते हुए कहा कि एक दिन ऐसा आएगा जब गीता को जीवन का एक तरीका बनाने के बाद कोई हिंदू, कोई ईसाई, कोई मुस्लिम नहीं होगा, जिससे उन्हें पूर्ण मानव बनने में मदद मिलेगी.

गीता की सीख
उन्होंने कहा कि भारत का अस्तित्व 5,000 साल पहले से है और इसकी सभ्यता बहुत प्राचीन है, ऐसा नहीं है कि यह अगस्त 1947 में अंग्रेजों के चले जाने पर अस्तित्व में आया था. शर्मा ने कहा कि कर्म ही पूजा है और भगवद्गीता सभी को यही सिखाती है. उन्होंने कहा, ‘‘आप जो भी करें उसमें पूरी निष्ठा होनी चाहिए, चाहे वह शिक्षा हो या देश की सेवा.’’ शर्मा ने उन्हें आमंत्रित करने और असम को महोत्सव में भागीदार राज्य बनाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश अपने गौरवशाली अतीत को मजबूत कर रहा है और अधर्म पर विजय पाने के लिए आगे बढ़ रहा है, जो सनातन धर्म का मूल सार है.

PM ने शुरू किया योग
शर्मा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के पीछे प्रधानमंत्री मोदी और अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के पीछे हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर का दिमाग था और योग और गीता दोनों एक संपूर्ण इंसान को गढ़ने में मदद करते हैं. 

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