Sir Syed Day 2024: सर सैयद अहमद खान चाहते थे कि मुसलमानों के एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में विज्ञान हो. यह वो दौर था जब मुसलमान शिक्षा के मामले में पिछड़े हुए थे. बेटियों को स्कूल भेजना इज्जत के खिलाफ माना जाता था. आज AMU में 'सर सैयद डे' मनाया जा रहा है.
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Sir Syed Day 2024: देश के मशहूर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में हर साल 17 अक्तूबर को 'सर सैयद डे' धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन का छात्र बेसब्री से इंतजार करते हैं. यह दिन Aligarh Muslim University के संस्थापक सर सैयद अहमद खान के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. आज के दिन यूनिवर्सिटी को दुल्हन की तरह सजाया गया है. साथ ही सभी स्टूडेंट्स के लिए रात्रिभोज का भी आयोजन किया जाएगा.
मुख्य अतिथि कौन होंगे?
हर साल की तरह इस साल भी सर सैयद डे पर मशहूर फिल्म प्रोड्यूसर मुजफ्फर अली अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे. इसके अलावा कानून मंत्रालय की पूर्व सचिव स्नेहलता श्रीवास्तव, रेलवे बोर्ड की पूर्व अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा और दिल्ली के विशेष आयुक्त (यातायात) अजय चौधरी भी शामिल होंगे.
'सर सैयद दिवस' पर क्या है प्रोग्राम?
'सर सैयद डे' की जानकारी देते हुए Aligarh Muslim University के जनसंपर्क अधिकारी उमर पीरजादा ने बताया है, "इस दिन मुख्य कार्यक्रम गुलिस्तान-ए-सैयद में सुबह 11:25 बजे शुरू होगा. इसके बाद दोपहर 12 बजे अतिथियों का संबोधन होगा और दोपहर 1 बजे राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन होगा. कार्यक्रम से पहले सुबह 6 बजे जामा मस्जिद में कुरानख्वानी होगी, सात बजे सर सैयद की मजार पर चादरपोशी होगी और साढ़े नौ बजे सर सैयद हाउस में सर सैयद पर आधारित पुस्तक का विमोचन होगा."
उन्होंने आगे बताया कि इस दिन न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों में रहने वाले AMU के पूर्व स्टूडेंट्स भी यहां आकर सर सैयद डे में हिस्सा लेते हैं. यूनिवर्सिटी के सभी छात्रावासों में भी अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. हर छात्रावास में अतिथियों और छात्रों के लिए रात्रि भोज का आयोजन किया जाता है. यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट् और कर्मचारी इस दिन को बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाते हैं.
कौन थे सर सैयद अहमद खान
सर सैयद अहमद खान चाहते थे कि मुसलमानों के एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में विज्ञान हो. यह वो दौर था जब मुसलमान शिक्षा के मामले में पिछड़े हुए थे. बेटियों को स्कूल भेजना इज्जत के खिलाफ माना जाता था. सर सैयद ने इस सोच को बदलने का बीड़ा उठाया. उन्होंने भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी जैसी यूनिवर्सिटी का सपना देखा. 1875 में उन्होंने सात छात्रों को लेकर मदरसा-तुल-उलूम के रूप में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) की नींव रखी. जो आज देश-दुनिया में अपनी पहचान बना चुकी है.
कब हुई थी अलीगढ़ यूनिवर्सिटी की स्थापना
एएमयू में पढ़े छात्र भी सर सैयद के इस सपने को साकार कर रहे हैं. वे देश-विदेश में शिक्षण संस्थान खोलकर शिक्षा का दीया जला रहे हैं. एमएओ कॉलेज से एएमयू तक के सफर में सर सैयद की बगिया से कई ऐसे पूर्व छात्र निकले हैं, जिन्होंने अपने संस्थान का नाम रोशन किया है. दिल्ली की जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी की स्थापना 29 अक्टूबर 1920 को एएमयू की जामा मस्जिद में पूर्व छात्रों द्वारा की गई थी. मौलाना मोहम्मद अली जौहर, मौलाना शौकत अली, अब्दुल मजीद ख्वाजा और डॉ. जाकिर हुसैन इसके संस्थापक सदस्य थे.