Bangladesh News: बांग्लादेश में हाल ही में तीन मंदिरों में तोड़फोड़ हुई. इस दौरान मंदिरों में मूर्तियां तोड़ दी गईं. इस मामले में पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया है. बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख पर अल्पसंख्यकों को सुरक्षा न दे पाने के इल्जाम लगे हैं.
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Bangladesh News: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश से इन दिनों अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार की खबरें आ रही हैं. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, बदमाशों ने बांग्लादेश में तीन हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया. इस दौरान मैमनसिंह और दिनाजपुर जिलों में आठ मूर्तियों को खंडित किया गया. पुलिस ने तस्दीक की है कि कानून प्रवर्तन अफसरों ने इनमें से एक मामले के सिलसिले में 27 साल के एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है.
तोड़ी गईं मंदिरों की मुर्तियां
मंदिर सूत्रों और स्थानीय लोगों के मुताबिक हलुआघाट पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी अबुल खैर ने शनिवार को बताया कि बदमाशों ने शुक्रवार तड़के हलुआघाट के शाकुई यूनियन में बोंदरपारा मंदिर की दो मूर्तियों को खंडित कर दिया. मैमनसिंह में गुरुवार और शुक्रवार की तड़के दो मंदिरों में तीन मूर्तियों को तहस नहस कर दिया गया. हलुआघाट के शाकुई यूनियन में बोंदरपारा मंदिर पर शुक्रवार को हमला किया गया था, जबकि एक दिन पहले बीलडोरा संघ में पोलाशकंद काली मंदिर में एक और मूर्ति को खंड़ित दिया गया था.
29 को भी हुई तोड़फोड़
इससे पहले, 29 नवंबर को चटगांव में तीन मंदिरों में नारे लगाने वाली भीड़ ने तोड़फोड़ की थी. हमले की ये घटनाएं हिंदू पुजारी के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के इल्जाम में गिरफ्तार किए जाने के चलते कई दिनों तक चले विरोध और हिंसा के बाद हुईं. दास को 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया, जिसके बाद उनके समर्थकों ने प्रोटेस्ट किया. बांग्लादेश में पिछले काफी वक्त से अल्पसंख्यकों खासकर हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा. अगस्त में तत्कालनी पीएम शेख हसीना के सत्ता छोड़ने के बाद से हालात खराब हैं.
मोहम्मद यूनुस पर इल्जाम
मोहम्मद युनूस की कयादत में स्थापित अंतरिम सरकार पर अल्पसंख्यकों को सुरक्षा न दे पाने के इल्जाम लगते रहे हैं. भारत ने लगातार हिंदुओं समेत दूसरे अल्पसंख्यकों के खिलाफ धमकियों और टारगेटेड हमलों के मुद्दे को बांग्लादेश सरकार के सामने मजबूती से उठाया है. पिछले दिनों विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अपनी बांग्लादेश यात्रा के दौरान बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ चरमपंथी बयानबाजी और हिंसा की घटनाओं को लेकर पड़ोसी देश के साथ नई दिल्ली की चिंताएं साझा की.