मुस्लिम ढाबों पर नाम लिखे जाने पर भड़के ओवैसी; कहा "यह छुआ-छूत को बढ़ावा देगा"
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मुस्लिम ढाबों पर नाम लिखे जाने पर भड़के ओवैसी; कहा "यह छुआ-छूत को बढ़ावा देगा"

Owaisi on Kawad Yatra: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मुस्लिम होटल वालों को नाम जाहिर करने पर AIMIM के सांसद नाराज हो गए हैं. उन्होंने कहा है कि ये मुसलमानों के साथ छुआ छूत है.

मुस्लिम ढाबों पर नाम लिखे जाने पर भड़के ओवैसी; कहा "यह छुआ-छूत को बढ़ावा देगा"

Owaisi on Kawad Yatra: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इंतेजामिया ने दुकानदारों को ये आदेश दिया है कि वह अपने होटल के बैनर पर अपना नाम लिखें. इससे यह पता चल पाएगा कि यह होटल हिंदू का है या मुस्लिम का. ऐसे में जब इस इस रास्ते से कांवड़ यात्री गुजरेंगे तो उन्हें यहां खाना खाने में आसानी होगी. इस मामले पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि "इस तरह का आदेश छूत को बढ़ावा देना है. ऐसा लगता है मुसलमानों को अछूत बनाया जा रहा है."

ओवैसी हुए नाराज
ओवैसी ने आगे कहा कि "उत्तर प्रदेश सरकार ने जिस तरह कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानदारों से अपने नाम बताने को कहा है, वह गलत है. हम इसकी निंदा करते हैं. यह अछूत जैसी बुराई को बढ़ावा देने वाला है. यह संविधान का उल्लंघन है. यह अजीविका के अधिकार का उल्लंघन है." ओवैसी के मुताबिक "इस तरह का आदेश आर्टिकल 17 के खिलाफ है, जो अछूत के बारे में बोलता है. जब से यह आदेश योगी सरकार ने दिया है, तब से उस हाइवे पर बने ढाबों से मुस्लिम कर्मचारियों को निकाल दिया गया है."

मुस्लिमों के साथ अछूत
ओवैसी ने आगे कहा कि "क्या एक यात्रा को आप इतनी अहमियत देंगे कि दूसरों की अजीविका को बर्बाद कर दें. आखिर संविधान कहां चला गया? फिर मोदी जी संविधान को पूजते हैं. हिंदुत्ववादी संगठनों के दबाव में आकर यह बोला जाता रहा है कि यह मुसलमान की दुकान है, उसमें न जाएं. मैं चुनौती देता हूं कि लिखित आदेश निकालकर दिखाएं. मुसलमानों से खुला भेदभाव हो रहा है और यह बताता है कि उन्हें दूसरी श्रेणी का नागरिक बनाना है."

मायावती का भी फैसले से नाराज
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस फैसले की निंदा की है. उन्होंने लिखा है कि "होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों से मालिक का पूरा नाम लिखवाना गलत बात है. इससे सौहार्दपूर्ण माहौल खरा हो सकता है. जनहित में यूपी सरकार को इसे फौरन वापस लेना चाहिए."

सांसद इमरान मसूद की आपत्ति
कावड़ यात्रा के नए फरमान को सहारनपुर सांसद इमरान मसूद ने तुगलकी फरमान बताया है. उन्होंने कहा है कि "इस तरह का जो तुगलकी फरमान जारी कर दिया है, इसमें बांटने वाली बात है. समाज को एकजुटता का संदेश देना चाहिए. कावड़ यात्रा का सम्मान हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई सभी को मिलकर करना चाहिए. इस प्रकार की बातें नफरत को बढ़ावा देने का काम करती हैं. इस तरह से पोस्टर लगाने की आदेश से कावड़ियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा क्या कावड़ बनाने वाले मुसलमान नहीं हैं? क्या जो कावड़ की ड्रेस पहन कर चलते हैं, क्या वह होजरी में मुसलमान नहीं बनाते हैं? कितने मुसलमान हैं और कितने हिन्दू इसमें क्या बात हो गई? हिंदू और मुसलमान की बात मत करो. बात करो नौजवान के रोजगार की. किसान के फसल के दाम की. व्यापारी के नुकसान की. इस पर बात नहीं की जाती है. इधर-उधर की बातें कर लोगों का ध्यान भटका देते हैं."

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