Emmanuel Macron On Two State Solution: हमास और इसराइल के बीच एक साल से ज्यादा वक्त से जंग जारी है. दोनों देशों के बीच पिछले साल 08 अक्टूबर से जारी लड़ाई को खत्म करने के लिए कई देश वकालत कर रहे हैं. इसी बीच, इसराइल और फलस्तीन के बीच जारी विवाद को लेकर बड़ी खबर आई है. दरअसल, दोनों देशों के बीच विवाद सुलझाने के लिए लंबे वक्त से ‘टू स्टेट’ समाधान को लागू करने की बात हो रही है, लेकिन इसराइली सरकार ने अपनी सुरक्षा का हवाला देते हुए हमेशा से इसका विरोध कर रही है. हालांकि, अब इस मामले में अब फ्रांस की एंट्री हो गई है. फ्रांस दोनों देशों के बीच जारी विवाद को समाप्त करने के लिए बड़ी पहल करने जा रहा है.
फ्रांस के प्रेसिडेंट इमैनुएल मैक्रों ( Emmanuel Macron ) इस वक्त सऊदी अरब के दौरे पर हैं. उन्होंने अपनी इस यात्रा के दूसरे दिन मंगलवार को बड़ा ऐलान किया है. फ्रांसीसी प्रेसिडेंट ने कहा कि वह 2025 के जून महीने में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ( Mohammed Bin Salman ) के साथ मिलकर 'आजाद फिलिस्तीन' की इस्टैब्लिशमेंट के लिए कॉन्फ्रेंस की सह-अध्यक्षता करेंगे.
मैक्रों ने सऊदी अरब में दौरे के दूसरे दिन अपने खिताब में इसराइल और संभावित फलस्तीन राष्ट्र की तरफ इशारा करते हुए कहा, "हमने 2025 के जून महीने में एक कॉन्फ्रेंस आयोजित करने का फैसला किया है." उन्होंने आगे कहा, "आने वाले कुछ महीनों में सभी (देशों) को इस रास्ते पर साथ लाने के लिए सऊदी अरब और फ्रांस मिलकर डिप्लोमेटिक पहल को जोड़ते हुए आगे बढ़ाएंगे." हालांकि, इन सब के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि फ्रांस फलस्तीन को मान्यता कब देगा? आइए जानते हैं.....
फलस्तीन को कब मान्यता देगा फ्रांस?
प्रेसिडेंट मैक्रों से जब पूछा गया कि क्या वह फलस्तीन को राष्ट्र के तौर पर मान्यता कब देंगे? इस सवाल पर उन्होंने जबाव देते हुए कहा कि वह फलस्तीन को सही वक्त आने पर मान्यता देंगे. उन्होंने कहा कि हम ऐसे वक्त पर फलस्कतीन को मान्यता देंगे जब यह इसकी मान्यता के तहरीक को आगे बढ़ाने में मदद करेगा.
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि हम यूरोपीय और गैर-यूरोपीय मुल्कों के भी कई अन्य सहयोगियों को भी इसमें शामिल करेंगे, जो इस दिशा में पहले कदम बढ़ाने के लिए तैयार भी हैं. ये मुल्क फ्रांस के आगे बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं.
इसराइल को लेकर क्या बोले मैक्रों
हालांकि, मैक्रों ने आगे बताया कि फलस्तीन के साथ इसराइल को मान्यता दिलाने के लिए भी काम करेंगे. उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य फलस्तीन के साथ इसराइल के तहरीक को आगे बढ़ान भी है. मैक्रों ने कहा है कि ऐसा करने से सुरक्षा के मसले पर इसराइल का शक को दूर किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि इससे यहूदी राष्ट्र के लोगों को इस बात पर सहमत किया जा सकेगा कि 'टू स्टेट' समाधान इसराइल के लिए भी मुनासिब होगा.