काम पर वापस लौटे पीएम मोदी; मोहम्मद मुइज्जू से डिनर पर की लंबी बातचीत
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काम पर वापस लौटे पीएम मोदी; मोहम्मद मुइज्जू से डिनर पर की लंबी बातचीत

PM Modi With Muizzu: जहां एक तरफ मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से रिश्ते खराब कर लिए, तो वहीं अब मुइज्जू भारत से रिश्ते सुधाने के लिए पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए हैं.

 

काम पर वापस लौटे पीएम मोदी; मोहम्मद मुइज्जू से डिनर पर की लंबी बातचीत

PM Modi With Muizzu: प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह खत्म होते ही नरेंद्र मोदी काम पर वापस लौट आए. उन्होंने रविवार देर शाम राष्ट्रपति भवन में आयोजित भोज के दौरान डिनर टेबल पर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू से लंबी बातचीत की. पता चला है कि राष्ट्रपति मुइज़ू प्रधानमंत्री मोदी के बगल में बैठे थे. इस दौरान भारतीय प्रधानमंत्री मालदीव के राष्ट्राध्यक्ष के साथ गंभीर बातचीत कर रहे थे. 

मुइज्जू से हुई बातचीत
मुइज़ू 17 नवंबर को राष्ट्रपति का पद संभालने के सात महीने बाद भारत आए थे, जिसे मालदीव के राष्ट्रपति के लिए असामान्य रूप से लंबा समय माना जा रहा है. मुइज्जू ने अपना चुनाव अभियान "आउट इंडिया" नारे पर चलाया, लेकिन मामला तब जटिल हो गया जब उनके कनिष्ठ मंत्रियों ने भारत पर विवादास्पद बयान देना शुरू कर दिया था.

ये नेता हुए शामिल
पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे भी आए थे. वह जल्द ही कोलंबो के लिए रवाना हो जाएंगे. दूसरे देशों के नेताओं के साथ पीएम मोदी बातचीत करेंगे. इसके बाद पीएम मोदी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे. राष्ट्रपति मुइज्जू, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड, भूटान के शेरिंग तोबगे, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ जैसे  दूसरे मेहमान भी विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे और फिर सभी लोग भारतीय राष्ट्रपति से मिलेंगे.

पीएम ने नेताओं को बुलाया
आपको बता दें कि इन सभी नेताओं को पीएम मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के लिए व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया था, लेकिन इन सभी के सामने एक आम बात यह है कि उत्तरी सीमाओं और हिंद महासागर क्षेत्र में कम्युनिस्ट चीन का उदय हो रहा है. तेजी से फैलती चीनी नौसेना और हिंद महासागर में इसके बढ़ते कदम भविष्य में टकराव पैदा करेंगे क्योंकि अभी भी हिंद महासागर में कम से कम दो निगरानी और जासूसी जहाज मौजूद हैं.

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