UP Politics: उत्तर प्रदेश में एनडीए के सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) की मुखिया अनुप्रिया पटेल ने बड़ा इल्जाम लगाया है. उन्होंने कहा, "सिर्फ इंटरव्यू बेस्ड रिक्रूटमेंट प्रोसेस वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में इन आरक्षित पदों के लिए यह प्रोसेस कई बार अपना करके आखिर में उन्हें अनारक्षित घोषित कर दिया जाता है.
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Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में एनडीए के सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) की मुखिया अनुप्रिया पटेल ने बड़ा इल्जाम लगाया है. उन्होंने राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ को लेटर लिखकर राज्य सरकार की सिर्फ इंटरव्यू बेस्ड रिक्रूटमेंट प्रोसेस वाले रिजर्व्ड पदों पर पिछड़ा वर्ग ( BC) और अनुसूचित जाति (SC) और जनजाति वर्ग( ST) के कैंडिडेट्स को नहीं चुने जाने की शिकायत की है.
पटेल ने 27 जून को सीएम को लिखे लेटर में कहा, "आपको बताना है कि पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के कैंडिडेट लगातार कॉन्टैक्ट कर उन्हें अवगत करा रहे हैं कि यूपी सरकार द्वारा आयोजित सिर्फ साक्षात्कार आधारित नियुक्ति प्रक्रिया वाली अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लिये रिजर्व्ड सीटों पर इन वर्गों के अभ्यर्थियों को प्रायः 'नॉट फाउंड सूटेबल' (योग्य नहीं पाया गया) घोषित करके उनका चयन नहीं किया जाता."
पटेल ने लगाया ये इल्जाम
उन्होंने इल्जाम लगाया, "सिर्फ इंटरव्यू बेस्ड रिक्रूटमेंट प्रोसेस वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में इन आरक्षित पदों के लिए यह प्रोसेस कई बार अपना करके आखिर में उन्हें अनारक्षित घोषित कर दिया जाता है." पटेल ने लेटर में कहा, "आप भी सहमत होंगे कि अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के कैंडिडेट भी इन परीक्षाओं के लिये मिनमम क्वालीफिकेशन की परीक्षा भी अपनी योग्यता के आधार पर ही पास करते हैं और अपनी योग्यता के आधार पर ही इन इंटरव्यू बेस्ड एग्जाम के लिए वे योग्य पाए जाते हैं. अत: अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों को बार-बार ‘नॉट फाउंड सूटेबल’ घोषित करके उनको नियुक्ति के लिए सफल ना पाया जाना समझ के परे है."
पटेल ने सीएम से किया ये दरख्वास्त
सेंट्रल मिनिस्टर ने सीएम से कहा है, "आप से दरख्वास्त है कि स्टेट गवर्नमेंट के अधीन सभी संस्थाओं द्वारा आयोजित सिर्फ इंटरव्यू बेस्ड रिक्रूटमेंट प्रोसेस वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लिये रिजर्व्ड सीटों पर ‘नॉट फाउंड सूटेबल’ की प्रक्रिया बार-बार अपनाते हुए आकिर में उन्हें अनारक्षित घोषित करने की व्यवस्था पर तत्काल रोक लगाए. इन वर्गों से आने वाले कैंडिडेट में हो रहे आक्रोश को रोकने का कष्ट करें."
उन्होंने यह भी दरख्वास्त किया है कि जरूरी प्रावधान करते हुए सिर्फ इंटरव्यू बेस्ड रिक्रूटमेंट प्रोसेस वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लिये रिजर्व्ड सीटों को सिर्फ इन्हीं कैटेगरी के कैंडिडेट्स से भरा जाना कंपलसरी किया जाए. चाहे इसके लिए जितनी भी बार रिक्रूटमेंट प्रोसेस करनी पड़े.