Arshad Nadeem: चोटिल होने के बावजूद अरशद नदीम पहुंचे थे पैरिस, डॉक्टर को भी नहीं थी इसकी जानकारी
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Arshad Nadeem: चोटिल होने के बावजूद अरशद नदीम पहुंचे थे पैरिस, डॉक्टर को भी नहीं थी इसकी जानकारी

Arshad Nadeem ने गोल्ड मेडल जीतने के बाद बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया है कि वह चोटिल हो गए थे, और उन्होंने इस बात की जानकारी किसो नहीं दी और पैरिस के लिए रवाना हो गए.

Arshad Nadeem: चोटिल होने के बावजूद अरशद नदीम पहुंचे थे पैरिस, डॉक्टर को भी नहीं थी इसकी जानकारी

Arshad Nadeem: अरशद नदीम ने जेवलिन थ्रों में जो कारनामा किया है. उसके बाद न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि भारत में भी उनकी काफी तारीफ हो रही है. 27 साल के इस खिलाड़ी ने फाउल से अपने गेम की शुरुआत की थी, लेकिन उनकी दूसरी कोशिश की 92.97 मीट थी, जो पिछले ओलंपिक रिकॉर्ड से कहीं ज्यादा था, जहां 90.57 मीटर भाला फेंका गया था. अरशद नदीम को गोल्ड मेडल मिला और भारतीय खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने 89.45 भाला फेंका और सिल्वर मेडल हासिल किया.

अरशद नदीम ने किया बड़ा खुलासा

इसके अलावा, नदीम ने छह थ्रो की अपनी सीरीज को आखिर 91.79 मीटर की कोशिश के साथ खत्म किया, जो पिछले ओलंपिक रिकॉर्ड से भी अधिक था. नदीम व्यक्तिगत स्पर्धा में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले पाकिस्तानी हैं और 1984 में हॉकी टीम के बाद से कोई भी ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले देश के पहले खिलाड़ी हैं.

चोट से जूझ रहे थे अरशद नदीम

जाहिर है कि उन्हें पाकिस्तान में हर जगह सम्मानित किया गया है और हाल ही में इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री आवास में राजकीय भोज के लिए उनका सम्मान किया गया. उन्होंने यहां खुलासा किया कि पेरिस में फाइनल में अपने रिकॉर्ड तोड़ने वाले प्रदर्शन के दौरान वह चोट से जूझ रहे थे.

अरशद नदीम ने किया बड़ा खुलासा

नदीम ने बताया, "कॉल रूम (वह कमरा जहां ट्रैक और फील्ड इवेंट्स में एथलीट अपने नाम का ऐलान से पहले इकट्ठा होते हैं और ट्रैक पर दिखाई देते हैं) में जाने से ठीक पांच मिनट पहले, मुझे दर्द महसूस हुआ. मैंने अपने कोच को बताया, और उन्होंने कहा, 'कुछ नहीं होता, तू शेर है."

डॉक्टर ने कोच ने कही ये बात

नदीम ने बताया कि उन्हें ओलंपिक के लिए रवाना होने से पहले लाहौर में ट्रेनिंग के दौरान चोट लग गई थी. उन्होंने कहा, "मुझे 21 जुलाई को पंजाब स्टेडियम में ट्रेनिंग के दौरान थ्रो करते समय चोट लग गई थी. हमें 24 जुलाई को उड़ान भरनी थी. मैंने इस बारे में किसी को नहीं बताया."

दवाई से नहीं हुआ आराम

27 साल खिलाड़ी ने बताया कि अपनी पहली कोशिश में फाउल थ्रो के बाद उन्हें कुछ दर्द महसूस हुआ था. "पहले थ्रो के दौरान मुझे कुछ दर्द महसूस हुआ और डॉक्टर ने कुछ दवाई लगाई. मैंने उनसे कहा कि मुझे नहीं पता कि इससे कोई असर होगा या नहीं. डॉक्टर ने मुझसे यह भी कहा 'तुम शेर हो'. डॉक्टर और कोच दोनों ने मुझसे यही कही."

नदीम ने कहा कि जैसे ही दूसरी कोशिश में भाला उनके हाथ से छूटा, उन्हें पता चल गया कि उन्होंने 90 मीटर का आंकड़ा पार कर लिया है. "वार्म-अप थ्रो में, यह 82 मीटर को पार कर गया, तब मुझे पता चला कि मैं थ्रो कर सकता हूं. लेकिन पहले थ्रो में मेरा रन-अप दो बार बर्बाद हो गया, लेकिन दूसरे थ्रो में जैसे ही भाला मेरे हाथ से छूटा, मुझे पता चल गया कि यह 90+ थ्रो है. उस थ्रो के बाद, मैं अपने कोच के पास आया और कहा कि हमारे पास स्वर्ण और ओलंपिक रिकॉर्ड है. अब मुझे विश्व रिकॉर्ड के लिए कोशिश करने दो."

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