सरकारी आयोजन से 'बीफ बिरयानी’ को दूर रखने पर क्लेक्टर को फटकार; आयोग ने बताया पक्षपात
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1284150

सरकारी आयोजन से 'बीफ बिरयानी’ को दूर रखने पर क्लेक्टर को फटकार; आयोग ने बताया पक्षपात

Biryani fest row: तमिलाडु के अंबुर में प्रस्तावित बिरयानी आयोजन से बीफ बिरयानी को हटाने के आदेश को राज्य अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग में चुनौती दी गई थी, जिसे आयोग ने भेदभावपूर्ण बताया है. 

 

अलामती तस्वीर

चेन्नईः तमिलाडु के अंबुर में प्रस्तावित बिरयानी उत्सव में बीफ को शामिल नहीं करने को लेकर पिछले मई माह में एक विवाद हो गया था. इस विवाद के महीनों बाद राज्य अनुसूचित जाति-जनजाति (अजा-जनजाति) आयोग ने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सरकारी कार्यक्रमों में किसी तरह का पक्षपात नहीं होना चाहिए. आयोग ने कहा है कि सरकारी कार्यक्रम में व्यंजन को नजरअंदाज करना भेदभाव करने जैसा है. आदि द्रविड़ और अनुसूचित जनजाति के पक्ष में अपना फैसला देते हुए तमिलनाडु राज्य आयोग ने कहा कि सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए.

अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों ने जताया था विरोध
आयोग ने कहा है कि उनसे स्थानीय विदुथलाई चिरुथईगल काची (वीसीके) श्रमिक मोर्चा के प्रतिनिधियों ने मिलकर यह इल्जाम लगाया था कि इस आयोजन में बीफ बिरयानी को शामिल न करना अंबुर और उसके आसपास रहने वाली एक महत्वपूर्ण अनुसूचित जाति की आबादी के खिलाफ यह खाद्य भेदभाव है. आयोग ने सोमवार को कहा कि जिला कलेक्टर ने घोषणा की थी कि ‘खाद्य उत्सव’ में ‘बीफ बिरयानी’ को शामिल नहीं किया जाएगा.

क्लेक्टर ने कहा, सूअर के मांस भी इस्तेमाल नहीं किया गया था
आयोग ने इसके बाद तिरुपथुर के कलेक्टर अमर कुशवाहा को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया कि उनकी घोषणा अंबूर क्षेत्र के दो लाख अजा-जनजाति सदस्यों के खिलाफ ‘आधिकारिक भेदभाव’ है. आयोग ने कलेक्टर से पूछा है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए ? हालांकि, कार्यक्रम को स्थगित करने के बाद कलेक्टर ने कथित तौर पर कहा कि आयोग की कार्रवाई उन पर लागू नहीं होगी, क्योंकि कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है. आयोग के नोटिस के जवाब में जिलाधिकारी ने दावा किया है कि बिरयानी में सूअर के मांस का इस्तेमाल नहीं किया गया था, जो ‘स्थानीय मुसलमानों का समर्थन हासिल करने’ के प्रयास की तरह लग रहा था.
गौरतलब है कि पिछले मई में ‘अंबूर बिरयानी थिरुविझा 2022’ का आयोजन प्रस्तावित था, जिसका मकसद यहां से लगभग 186 किलोमीटर दूर अंबुर के लोकप्रिय व्यंजन के लिए जीआई टैग हासिल करना था. हालांकि, तब जिला प्रशासन ने बारिश के पूर्वानुमान का हवाला देते हुए विवाद होने पर इस आयोजन को टाल दिया था.

ऐसी ही दिलचस्प खबरों के लिए विजिट करें zeesalaam.in 

 

Trending news