Ramadan amid rising Coronavirus: बॉम्बे HC ने कहा, 'धार्मिक रीति-रिवाजों को मनाना या उनका पालन करना महत्वपूर्ण है, लेकिन सबसे अधिक महत्वपूर्ण लोक व्यवस्था और लोगों की सुरक्षा है.'
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मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने मुंबई की एक मस्जिद में सामूहिक रूप से नमाज अदा करने की अनुमति देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि कोविड-19 (Coronavirus) के चलते गंभीर हालात पैदा हो गए हैं और लोगों की सुरक्षा अधिक महत्वपूर्ण है.
न्यायमूर्ति आर डी धनुका और न्यायमूर्ति वी जी बिष्ट की अवकाश पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के चक्र को तोड़ने के लिये पाबंदियां लगाने की जरूरत महसूस की है.
अदालत ने कहा, 'धार्मिक रीति-रिवाजों को मनाना या उनका पालन करना महत्वपूर्ण है, लेकिन सबसे अधिक महत्वपूर्ण लोक व्यवस्था और लोगों की सुरक्षा है.'
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पीठ ने जुमा मस्जिद ट्रस्ट की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं. याचिका में दक्षिण मुंबई में स्थित ट्रस्ट की एक मस्जिद में मुसलमानों को पांच वक्त की नमाज अदा करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था.
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गौरतलब है कि महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के मामले (Coronavirus in Maharashtra) बड़े तेजी से बढ़ते जा रहे है. राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान 60,212 नए मामले सामने आए हैं. इससे पहले 11 मार्च को 63,294 मामले सामने आए थे. इस संक्रमण को रोकने के लिए राज्य में लॉकडाउन जैसा कर्फ्यू आज रात 8 बजे से लग रहा है, जो 1 मई की सुबह 7 बजे तक जारी रहेगा. इस कर्फ्यू को ब्रेक द चेन का नाम दिया गया है.
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