साल के आखिर में केंद्र सरकार ने कश्मीर के मसरत आलम के गुट J&K मुस्लिम लीग पर UAPA के तहत कार्रवाई की है.
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Masarat Alam's MLJK 'Unlawful Association': केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को जानकारी दी है कि केंद्र ने मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर-मसरत आलम गुट (MLJK-MA) को अनलॉफुल एक्टिविटीज एक्ट (UAPA) के तहत एक 'गैरकानूनी संघ' करार दिया है. इसकी जानकारी देते हुए ग्रहमंत्री अमित शाह ने X पर लिखा, " मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)'/MLJK-MA को UAPA के तहत एक 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया गया है.
मोदी सरकार के मैसेज का किया जिक्र
अमित शाह ने अपने X पर ये भी लिखा कि, " PM नरेंद्र मोदी सरकार का संदेश जोरदार और साफ है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून की सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा." मसरत आलम के संगठन का कई देश विरोधी गतिविधियों में नाम आ सकता है. इसी बात को अपने X अमित शाह ने बताते हुए लिखा "यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं."
The ‘Muslim League Jammu Kashmir (Masarat Alam faction)’/MLJK-MA is declared as an 'Unlawful Association' under UAPA.
This organization and its members are involved in anti-national and secessionist activities in J&K supporting terrorist activities and inciting people to…
— Amit Shah (@AmitShah) December 27, 2023
कौन है मसरत आलम?
मसरत आलम साल 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. मसरत अलगाववादी समूह ऑल पार्टीज़ हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (APHC) के अध्यक्ष हैं. आतंकी फंडिंग मामले में नाम आने के बाद से 50 साल के आलम तिहाड़ जेल में हैं. साल 2010 में कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर हुए सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन में आलम की कथित भूमिका के लिए उन्हें 2010 में गिरफ्तार किया गया था. उनके उपर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज है. बता दें 2010 के प्रदर्शन में सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 120 कश्मीरी युवा मारे गए थे.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आलम के खिलाफ 27 FIR दर्ज हैं और उन पर 36 बार PSA के तहत मामला दर्ज किया गया है. मार्च 2015 में मसरत आलम को रिहा कर दिया गया. आलम की रिहाई के बात पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के खिलाफ प्रतिक्रिया शुरू हो गई थी. उस उस समय PDP भारतीय जनता पार्टी के साथ कश्मीर में सरकार में थी. एक अन्य मामले में आलम को 2019 में फिर ग्रिफ्तार कर लिया गया था.