Maharashtra Waqf Board: महाराष्ट्र में वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए जारी 10 करोड़ रुपये का फंड ट्रान्सफर्ड के आदेश को रद्द कर दिया है. बीजेपी के विरोध के सरकार ने यह फैसला लिया. भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नई सरकार इस सरकारी आदेश की वैधता की जांच करेगी.
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Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार ने वक्फ बोर्ड ( Maharashtra Waqf Board ) को मजबूत करने के लिए 10 करोड़ रुपये का फंड ट्रान्सफर्ड करने के लिए एक सरकारी प्रस्ताव जारी किया था. लेकिन, इसके एक दिन बाद ही राज्य सरकार ने भाजपा ( BJP ) के विरोध के बीच शुक्रवार को यह आदेश वापस ले लिया. राज्य की चीफ सेक्रेटरी सुजाता सौनिक ( Sujata Saunik IAS ) ने इस बात की पुष्टि की है.
महायुति ( Mahayuti ) गठबंधन के तहत हालिया विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाली बीजेपी ने सरकारी प्रस्ताव का यह कहते हुए विरोध किया कि फैसला एडमिनिस्ट्रेटिव लेवल पर लिया गया था और संविधान में वक्फ बोर्ड का कोई जिक्र नहीं है. राज्य में भाजपा के टॉप लीडर और निवर्तमान सरकार में डिप्टी रहे देवेंद्र फडणवीस ( Devendra Fadnvis ) ने कहा कि कार्यवाहक सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया है, क्योंकि यह सही नहीं था. उन्होंने कहा कि नई सरकार इस सरकारी आदेश की वैधता की जांच करेगी.
गुरुवार को को जारी सरकारी आदेश में कहा गया कि फाइनेंस एंड प्लानिंग डिपार्टमेंट ने महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए 10 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी है. गुरुवार को जारी सरकारी प्रस्ताव के मुताबिक, राज्य वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए 2024-25 के लिए 20 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे. इसमें से दो करोड़ रुपये बोर्ड को ट्रान्सफर्ड किए जा चुके हैं. वक्फ बोर्ड के चेयरमैन को निर्धारित नियमों के तहत खपत करने में सावधानी बरतने को कहा गया है.
महाराष्ट्र BJP ने क्या कहा?
भाजपा की महाराष्ट्र यूनिट ने पोस्ट में कहा, "यह फैसला अफसरों ने प्रशासनिक स्तर पर लिया था. BJP के कड़े विरोध के बाद सरकारी प्रस्ताव को कैंसिल कर दिया गया. भाजपा अपने इस रुख पर दृढ़ है कि संविधान में वक्फ बोर्ड का कोई उल्लेख नहीं है."
सपा ने इस आदेश को "अल्पसंख्यक विरोधी" बताया
वहीं, इस पर सपा MLA रईस शेख ( Rais Shaikh ) ने कहा कि आदेश वापस लेने का राज्य सरकार का फैसला प्रदर्शित करता है कि नया शासन "अल्पसंख्यक विरोधी" है. उन्होंने राज्य वक्फ बोर्ड के लिए 100 करोड़ रुपये का फंड की मांग की.
वक्फ की 60 फीसदी प्रोपर्टी पर अतिक्रमण
सपा नेता रईस शेख ने कहा कि मुस्लिम समुदाय राज्य की आबादी का 12 फीसदी है और वक्फ बोर्ड के पास संसाधनों की कमी की वजह से इसकी 60 फीसदी प्रोपर्टी पर अतिक्रमण हो गया है. उन्होंने दावा किया कि बोर्ड के पास प्रोपर्टी से संबंधित कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए रकम की कमी है और उसे अपने दैनिक कार्यों के मैनेजमेंट के लिए इस वित्तीय सहायता की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राज्य में 37,330 हेक्टेयर क्षेत्र में 23,566 वक्फ की प्रोपर्टीज हैं, जिनमें सबसे ज्यादा संपत्तियां छत्रपति संभाजीनगर डिविजन में हैं.
वक्फ (अमेडमेंट) बिल पर और JPC को और वक्त
केंद्र के वक्फ (अमेडमेंट) बिल को लेकर विवाद के बीच यह घटनाक्रम हुआ है. केंद्र सरकार ने वक्फ (अमेंडमेंट) बिल 2024 को संसद के शीतकालीन सेशन के लिए अपनी लिस्ट में शामिल किया है. अमेंडमेट बिल पर संसदीय कमेटी से एक रिपोर्ट लंबित है. इस बिल को लोकसभा में आठ अगस्त को पेश किया गया था और इसे संसद के निचले सदन के सदस्य जगदम्बिका पाल की अगुआई वाली संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को पड़ताल के लिए भेजा गया है. इस हफ्ते की शुरूआत में जेपीसी में शामिल विपक्षी मेंबरों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात कर कमेटी का कार्यकाल बढ़ाने के लिए आग्रह किया था ताकि (अमेंडमेंट) बिल पर विचार-विमर्श किया जा सके.
महायुति गठबंधन ने 230 सीटों पर दर्ज की जीत
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त होने के बाद एकनाथ शिंदे वर्तमान में कार्यवाहक सीएम हैं. सत्तारूढ़ 'महायुति' ने राज्य में सत्ता बरकरार रखी है. एनडीए गठबंधन ने प्रचंड बहुमत साथ जीत हासिल की है और 288 सीट में से 230 पर जीत दर्ज की. भाजपा 132 सीटों पर जीत हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि सहयोगी शिंदे नीत शिवसेना ने 57 और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 41 सीटों पर जात हासिल की है.