मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का UP, बिहार और झारखंड से है गहरा नाता; लोग अभी भी उनके कामों को करते हैं याद
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मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का UP, बिहार और झारखंड से है गहरा नाता; लोग अभी भी उनके कामों को करते हैं याद

Lok Sabha Elections Schedule: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर CEC राजीव कुमार ने तारीखों का ऐलान कर दिया है. 19 अप्रैल से शुरू होने वाले इस महापर्व को कुल 7 चरणों में बांटा गया है. आखिरी व सातवां चरण की वोटिंग 1 जून को होगी. वहीं मतगणना 4 जून को होगी. लेकिन क्या आपको पता है इतने बड़े लोकतंत्र में चुनाव कराने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है वह कौन हैं. अगर नहीं तो, आइए जानते हैं.

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का UP, बिहार और झारखंड से है गहरा नाता; लोग अभी भी उनके कामों को करते हैं याद

CEC Rajiv Kumar Biography: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार, 16 मार्च को तारीखों की घोषणा कर दी. आम चुनाव इस बार भी सात फेज में होंगे और चुनाव का नतीजा 4 जून को आएगा. पहले फेज का मतदान 19 अप्रैल को होगा और आखिरी व 7वें फेज की वोटिंग 1 जून को होगी. इतने बड़े लोकतंत्र में चुनाव कराने की जिम्मेदारी जिस व्यक्ति पर है उनका झारखंड-बिहार की धरती से गहरा नाता रहा है. 

देश में चुनाव की प्रक्रिया संपन्न कराने की जिम्मेदारी मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के कंधो पर है. उनका झारखंड-बिहार की धरती से गहरा रिश्ता रहा है. दरअसल, राजीव कुमार ने बिहार-झारखंड कैडर के आईएएस के रूप में करीब 17 साल का वक्त इन राज्यों में गुजारा है. वह तीन साल से भी ज्यादा के वक्त तक रांची के उपायुक्त के पद पर रहे हैं. CEC के 1 फरवरी 1993 से लेकर 1 जून 1996 तक के कार्यकाल को आज भी शहर के लोग याद करते हैं. 

उनके साथ काम कर चुके एक सीनियर रिटायर्ड अफसर बताते हैं कि राजीव कुमार जिस वक्त रांची के डिप्टी कमिश्नर बने थे, उस वक्त यहां की लॉ एण्ड ऑर्डर को लेकर बड़ी चुनौतियां थी, लेकिन उन्होंने कई जटिल मसले अपनी एडमिनिस्ट्रेटिव सूझबूझ से बखूबी सुलझाए.

इन विभागों में निभाई है अहम जिम्मेदारी  
राजीव कुमार 1984 बैच के बिहार कैडर के IAS अफसर रहे हैं. हालांकि, साल 2000 में नया राज्य बनने के बाद उन्होंने झारखंड कैडर चुना था. 2000 में वह यहां पर्सनल डिपार्टमेंट डायरेक्टर, प्राइमरी एजुकेशन डिपार्टमेंट में निदेशक और साल 2000 से 2001 तक इंजस्ट्री डिपार्टमेंट के निदेशक के रूप में पोस्टेड रहे. बिहार-झारखंड में अपने सर्विस टाइम में राजीव कुमार SDM, एडीएम (लॉ एंड ऑर्डर), DDC, DM और सेक्रेटरी आदि पदों पर रहकर शासन-प्रशासन को मजबूती देने में जुटे रहे. इसके बाद वह साल 2020 में सेवानिवृत्ति तक ज्यादातर वक्त सेंट्रल डेप्यूटेशन पर रहे.

हालांकि,बीच में राजीव कुमार साल 2008 से 2012 वह नई दिल्ली में मौजूद झारखंड भवन में एडिशनल रेजिडेंट कमिश्नर और रेजिडेंट कमिश्नर के पद पर भी पोस्टेड रहे. सेंट्रल डेप्यूटेशन में फाइनेंस सेक्रेटरी के तौर पर बैंकिंग सुधारों के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता है.

राजीव कुमार के पास है ये डिग्रियां
राजीव कुमार का जन्‍म 19 फरवरी 1960 को उत्तर प्रदेश में हुआ. उन्होंने पब्लिक पॉलिसी में पोस्‍ट ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की. इसके अलावा उन्होंने कानून में एलएलबी, पीजीडीएम और समेत कई एकेडमिक डिग्रियां लीं. उन्हें सोशल सेक्टर, एनवायरनमेंट और फोरेस्ट, ह्यूमेन रिसोर्स, फाइनेंस और बैंकिंग के क्षेत्र में काम करने का लंबा अनुभव है. पहले राज्य और फिर सेंट्रल में रहकर उन्होंने कई मिनिस्टरी में अपनी सेवाएं दी हैं. उन्होंने पर्सनल और ट्रेनिंग डिपार्टमेंट में फाउंडेशन अफसर के अलावा व्यय विभाग में ज्वाइंट सेक्रेटरी और मिनिस्टरी ऑफ ट्राइबल अफेयर्स, एनवायरनमेंट और फोरेस्ट मिनिस्टरी में सेक्रटरी रह चुके हैं.

इन कामों से बटोरी थीं सुर्खियां
उन्होंने एजुकेशन डिपार्टमेंट में भी अहम जिम्मेदारी संभाली है. उन्होंने 2017 और 2020 के बीच फाइनेंस मिनिस्टरी में अपने कार्यकाल के दौरान शेल कंपनियों पर कार्रवाई शुरू की और तीन लाख से ज्यादा ऐसी कंपनियों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए. राजीव कुमार ने नेशनल पेंशन सिस्टम को व्यवस्थित करने में भी अहम भूमिका निभाई. अब राजीव कुमार 15 मई 2022 से भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं और उनका यह कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म होगा.

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