कांग्रेस नेता ने अपनी ही पार्टी पर लगाया इल्जाम; कहा- मुस्लिमों को सही प्रतिनिधित्व नहीं दे रही कांग्रेस
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कांग्रेस नेता ने अपनी ही पार्टी पर लगाया इल्जाम; कहा- मुस्लिमों को सही प्रतिनिधित्व नहीं दे रही कांग्रेस

कांग्रेस के सीनियर नेता (Senior Congress Leader) और साबिक केंद्रीय मंत्री (Former Central Minister) के. रहमान खान (K Rahman Khan) ने पार्टी के भीतर खुद को ‘‘उपेक्षित’’ करार देते हुए कहा कि अब मुसलमानों को यह शक हो रहा है कि कांग्रेस हमें छोड़ रही है, इसलिए लोग कांग्रेस का साथ छोड़ रहे हैं और पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. 

 

 के. रहमान खान

नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता (Senior Congress Leader) और साबिक केंद्रीय मंत्री (Former Central Minister)  के. रहमान खान (K Rahman Khan) ने पार्टी के भीतर खुद को ‘‘उपेक्षित’’ करार देते हुए इतवार को कहा कि पार्टी मुस्लिम समुदाय से सही लोगों को प्रतिनिधित्व ( Proper Representation to Muslims) नहीं दे रही है और अब मुसलमानों को देश के सबसे पुराने दल को लेकर अपनापन महसूस नहीं हो रहा है जिसका खामियाजा पार्टी भुगत रही है. उन्होंने एक साक्षात्कार में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के पदासीन मुस्लिम नेताओं की योग्यता पर भी सवाल खड़े किए और दावा किया कि राष्ट्रीय संगठन में मुसलमान समुदाय से सही लोगों को जगह नहीं दी गई है. राज्यसभा के पूर्व उपसभापति ने यह भी स्पष्ट किया कि वह आजीवन ‘‘कांग्रेसमैन’’ रहेंगे क्योंकि पार्टी छोड़ना उनके डीएनए में नहीं है.
रहमान ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब ऐसी खबरें हैं कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने कर्नाटक में कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की है जिसे इन नेताओं को तृणमूल कांग्रेस में शामिल कराने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है. खान का कहना है कि उनकी किशोर के साथ कोई मुलाकात नहीं हुई है.

राज्यसभा के उपसभापति रह चुके हैं रहमान खान 
रहमान खान संप्रग सरकार के समय 2004 से 2012 तक राज्यसभा के उपसभापति और 2012 से 2014 तक अल्पसंख्यक कार्य मंत्री रहे. वह 1994 से 2018 तक लगातार राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं. ‘इंडियन मुस्लिमः द वे फॉरवर्ड’ नामक पुस्तक लिखने वाले 82 वर्षीय खान ने कहा, ‘‘देश की 20 करोड़ की आबादी को लगता है कि उसके नेतृत्व की कोई पहचान नहीं है. यह राजनीतिक नेतृत्व देने की उम्मीद कांग्रेस से ही की जा सकती है. कांग्रेस ने (मुस्लिम समुदाय से) अच्छे नेताओं को आगे बढ़ाने को तवज्जो नहीं दी.

कांग्रेस में मुस्लिम नेतृत्व नहीं उभर पाया
खान ने कहा कि अगर आप मुस्लिम समुदाय से किसी को भी आगे लाते हैं तो उसकी लोकप्रियता उसके समुदाय में होनी चाहिए. सिर्फ नाम से नुमाइंदगी देने से नेतृत्व नहीं उभरता है. उन्होंने यह भी कहा, ‘‘ कांग्रेस में मुस्लिम नेतृत्व नहीं उभर पाया है . यह जरूर है कि दूसरे दलों के मुकाबले कांग्रेस ने मुसलमानों को ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया, लेकिन यह प्रतिनिधित्व देते समय यह ध्यान नहीं किया गया कि कौन सही नेतृत्व है. यह पूछे जाने पर कि क्या मुस्लिम समुदाय से योग्य लोगों को पार्टी में नहीं बढ़ाया जा रहा है तो रहमान खान ने कहा, ‘‘जी बिलकुल.’’ 

मुसलमानों के बारे में खुलकर बात करने से पीछे हट रही पार्टी 
कई राज्यों में कांग्रेस से मुस्लिम समुदाय की दूरी के सवाल पर पूर्व अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा, ‘‘एंटनी समिति की रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस को लगा कि हमें ‘मुस्लिम पार्टी’ माना जा रहा है जिससे हिंदू हमसे दूर हट रहा है. अब मुसलमानों के बारे में खुलकर बात करने से पार्टी पीछे हट रही है. पार्टी की यह कमी है कि वह सिद्धांतों के मुताबिक नहीं जा रही है. खान ने जोर देकर कहा, ‘‘अल्पसंख्यक 70 साल से आपके साथ खड़ा था और आपको सत्ता में लाने के लिए एकजुट होकर काम करता था, लेकिन अब मुसलमानों को यह शक हो रहा है कि कांग्रेस हमें छोड़ रही है. इसी का खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ रहा है. 

जहां भी विकल्प है, मुसलमान कांग्रेस से दूर जा रहे हैं
जहां भी मुसलमानों के सामने विकल्प है, वहां वे कांग्रेस से दूर चले जा रहे हैं. उनके मुताबिक, ‘‘जब आप मुसलमानों के लिए अपनापन नहीं दिखा पा रहे हैं, दूरी नजर आ रही है तो यह होना तय है. ओवैसी जैसे नेता उभर रहे हैं जिनकी राजनीति से मैं इत्तेफाक नहीं रखता. उन्होंने यह भी कहा, ‘‘मुसलमान अपनी सुरक्षा चाहता है, धर्मनिरपेक्षता एवं संविधान की रक्षा चाहता है. जब इन विषयों को लेकर टकराव पैदा हो, तो पार्टी को खुलकर खड़ा होना चाहिए. मुसलमान महसूस कर रहा है कि उनसे जुड़े मुद्दों पर कांग्रेस, सपा और बसपा जैसी पार्टियां बैकफुट पर हैं, जबकि इन लोगों ने लंबे समय तक मुस्लिम वोट का फायदा उठाया.

एआईसीसी में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सही नहीं है
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस को मुस्लिम समुदाय में अपना आधार फिर से मजबूत करने के लिए क्या करना चाहिए तो खान ने कहा, ‘‘मेरी सलाह होगी कि कांग्रेस मुसलमानों को भरोसे में ले. उन्हें महसूस होना चाहिए कि आप उनके साथ खड़े हैं. उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘ऐसा नहीं चल सकता कि जो आपके ईर्द-गिर्द फिरता है, उसे आप टिकट दें...मौजूदा एआईसीसी में (मुसलमानों का) क्या प्रतिनिधित्व है? जो प्रतिनिधित्व है, वो बिलकुल भी सही नहीं है.

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