Delhi Riot 2020: 13 आरोपियों के खिलाफ, हत्या की कोशिश के इल्जाम तय करने का आदेश दिया
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Delhi Riot 2020: 13 आरोपियों के खिलाफ, हत्या की कोशिश के इल्जाम तय करने का आदेश दिया

Delhi Riots: Delhi Riots: दिल्ली दंगों के मामले में अदालत ने 13 लोगों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, हत्या की कोशिश के आरोप तय करने का आदेश दिया.

Delhi Riot 2020: 13 आरोपियों के खिलाफ, हत्या की कोशिश के इल्जाम तय करने का आदेश दिया

Delhi Riots: दिल्ली की एक अदालत ने 13 आरोपियों के खिलाफ 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के एक मामले में दंगे करने, आपराधिक षड्यंत्र रचने और हत्या की कोशिश करने समेत विभिन्न आरोप तय करने का आदेश दिया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने उन 13 लोगों के खिलाफ मामले की सुनवाई की, जिन पर 25 फरवरी, 2020 को गौतम विहार में शिकायतकर्ता पर तलवारों और अन्य हथियारों से हमला करने वाली भीड़ का हिस्सा होने का आरोप है.

न्यायाधीश ने कहा कि सभी आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, दंगा करने, गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने, हत्या का प्रयास करने और लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा करने के आरोपों के तहत ‘‘प्रथम दृष्टया मामला’’ बनता है. न्यायाधीन ने तीन जून को पारित आदेश में कहा, ‘‘सिर शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हर समझदार व्यक्ति को यह सामान्य ज्ञान है कि सिर पर किसी भी तरह से चोट पहुंचाने से मौत हो सकती है. यदि किसी व्यक्ति के सिर पर तलवार जैसे हथियार या किसी अन्य वस्तु से एक से अधिक बार हमला किया जाता है, तो इसमें कोई संदेह नहीं हो सकता कि आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत अपराध का मामला बनता है.’’ 

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न्यायाधीश ने सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान सहित अदालत के सामने मौजूद सबूतों को ध्यान में रखते हुए कहा, ‘‘मुझे पता चला है कि इस मामले के सभी आरोपी हिंदू समुदाय के व्यक्तियों पर हमला करने के इरादे समेत एक साझा मकसद के गैरकानूनी रूप से एकत्र हुए.’’ न्यायाधीश ने कहा कि इस साझा मकसद को पूरा करने के लिए उन्होंने एक आपराधिक षड्यंत्र रचा और इसके बाद भीड़ ने शिकायतकर्ता का पीछा किया एवं उस पर हमला किया. 

न्यायाधीश प्रमाचला ने कहा कि अदालतें इस बात को मानती हैं कि साजिश का प्रत्यक्ष सबूत मिलने की बहुत कम संभावना है और इसलिए वे आरोपी व्यक्तियों के आचरण और इस तरह के आचरण के संभावित कारण के आधार पर अनुमान लगाती हैं. न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इन लोगों ने जिस तरह के नारे लगाए और हमले के लिए जिस तरह के लोगों को चुना, उससे स्पष्ट लगता है कि यह भीड़ हिंदू समुदाय के लोगों को निशाना बनाने के लिए एकत्र हुई थी.’’ 

अदालत ने इन दलीलों को खारिज कर दिया कि कुछ आरोपी केवल पास में खड़े थे. इस मामले में न्यू उस्मानपुर थाना पुलिस ने मोहम्मद अनस, मोबीन, मोहम्मद जावेद खान, फैसल, शहजाद खान, शोएब खान, इमरान खान, बादशाह खान, इरफान खान, सिराज खान, अरमान, अमन और इकबाल खान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.

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