नहीं रहे मशहूर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना वहीदुद्दीन, PM मोदी ने कही बड़ी बात
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नहीं रहे मशहूर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना वहीदुद्दीन, PM मोदी ने कही बड़ी बात

इस दुख की घड़ी में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अफसोस का इज़हार किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा,"मौलाना वहीदुद्दीन खान के निधन से दुखी हूं.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: दुनियाभर में मशहूर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना वहीदुद्दी (Maulana Wahiduddin) कोरोना वायरस के चलते इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं. उनका कई दिनों से अस्पताल में इलाज चल रहा था लेकिन ज्यादा तबीयत खराब होने की वजह से वे 96 साल की उम्र इस चल बसे. मौलाना वहीदुद्दीन को इसी साल पद्म विभषण से नवाजा गया था. 

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इस दुख की घड़ी में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अफसोस का इज़हार किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा,"मौलाना वहीदुद्दीन खान के निधन से दुखी हूं. उन्हें धर्मशास्त्र और आध्यात्मिकता के मामलों पर उनके व्यावहारिक ज्ञान के लिए याद किया जाएगा. उन्हें सामुदायिक सेवा और सामाजिक सशक्तिकरण का भी शौक था. उनके परिवार और अनगिनत शुभचिंतकों के प्रति संवेदना. RIP."

कौन हैं मौलाना वहीदुद्दीन
मौलाना बर्रे सगीर के मशहूर आलिमे दीन हैं. इनकी पहचान शांति के लिए काम करने वाली बड़ी हस्तियों में की जाती है. इन्होंने कुरान को आसान अंग्रेजी में ट्रांस्लेट किया और कुरान पर एक टिप्पणी भी लिखी. मुसलमानों में मौलाना को बहुत मकबूलियत हासिल है. उनका जन्म साल 1925 में उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले में हुआ था.

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मिल चुके हैं कई अवार्ड
मौलाना वहीदुद्दीन को साल 2000 में पद्म भूषण से भी नवाज़ा जा चुका है. इसके अलावा पूर्व सोवियत राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव द्वारा डेमिर्गुस पीस इंटरनेशनल अवॉर्ड, मदर टेरेसा और राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार(2009), अबूज़हबी में सैयदियाना इमाम अल हसन इब्न अली शांति अवार्ड 

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