दिल्ली यूनिवर्सिटी के मुख्तलिफ कालेजों में दाखिले का अमल 2अगस्त से शुरू हो गया है. इस बार बड़ी तादाद में 12वीं के स्टूडेंट्स ने 95 से ज्यादा नंबर हासिल किए हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी के मुताबिक ऐसे में कॉलेजों में एडमिशन बढ़ाए जा सकते हैं.
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नई दिल्ली: कोरोना वबा के चलते दिल्ली यूनिवर्सिटी में इस बार फीस नहीं बढ़ाएगी. दरअसल कोरोना की वजह से कई लोगों की आमदनी में गिरावट आई है और कुछ का रोजगार चला गया. इसी देखते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी ने फीस न बढ़ाने का फैसला किया है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने इसके अलावा भी स्टूडेंट्स को एक और राहत दी है. दाखिला फीस भरने के बाद अगर कोई स्टूडेंट अपना नाम वापस लेना चाहे तो यूनिवर्सिटी ऐसे स्टूडेंट्स को पूरी फीस वापस करेगा. स्टूडेंट का अगर किसी दूसरे कोर्स या तालीमी इदारे में दाखिला हो गया है और इस वजह से वह दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला नहीं लेना चाहता तो ऐसी सूरते हाल में भी स्टूडेंट की फीस वापस कर दी जाएगी.
डीयू दाखिला समिति का कहना है कि स्टूडेंट्स को 31 अक्टूबर से पहले इस बारे में यूनिवर्सिटी प्रशासन को सूचित करना होगा। दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला पा चुके छात्र यदि 31 अक्टूबर से पहले अपना नाम वापस लेते हैं तो उनको पूरी फीस वापस की जाएगी. दूसरी ओर यदि कोई छात्र 31 अक्टूबर के बाद अपनी सीट छोड़ना चाहता है तो ऐसी सूरते हाल में प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में 1000 की रकम यूनिवर्सिटी वसूलेगा.
गौरतलब है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के मुख्तलिफ कालेजों में दाखिले का अमल 2अगस्त से शुरू हो गया है. इस बार बड़ी तादाद में 12वीं के स्टूडेंट्स ने 95 से ज्यादा नंबर हासिल किए हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी के मुताबिक ऐसे में कॉलेजों में एडमिशन बढ़ाए जा सकते हैं. इसके साथ ही दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई कॉलेजों की मेरिट लिस्ट भी पहले के मुकाबले और ज्यादा ऊपर जा सकती है.
अंडर- ग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए 31 अगस्त तक फार्म भरा जा सकता है. दिल्ली यूनिवर्सिटी द्वारा शुरू की गई यह दाखिला प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है.
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दिल्ली यूनिवर्सिटी में जहां अंडरग्रेजुएट कोर्सेज के लिए दाखिला का अमल सोमवार 2 अगस्त से शुरू हो गया है, वहीं पोस्ट ग्रेजुएट कार्यक्रम के लिए दाखिला प्रक्रिया 26 जुलाई से शुरू हो चुकी है. दिल्ली यूनिवर्सिटी ने पिछले साल कोविड महामारी की वजह सामने आई चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, इस साल, स्टूडेंट्स के फायदे के लिए, यूनिवर्सिटी ने एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को पिछले साल की तरह बनाए रखने का फैसला लिया है.
(इनपुट- आईएएनएस)
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