हेलीकॉप्टर हादसे में जिंदा बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का खत वायरल, स्कूल के छात्रों को दिया था ये अहम पैगाम
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हेलीकॉप्टर हादसे में जिंदा बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का खत वायरल, स्कूल के छात्रों को दिया था ये अहम पैगाम

Group Captain Varun Singh’s Letter: ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने प्रिंसिपल को लिखे चार पन्नों के पत्र में सबसे ज्यादा आत्मविश्वास (Self-confidence) पर जोर दिया.

हेलीकॉप्टर हादसे में जिंदा बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का खत वायरल, स्कूल के छात्रों को दिया था ये अहम पैगाम

नई दिल्ली: तमिलनाडु (Tamil Nadu) में कुन्नूर के पास नीलगिरि की पहाड़ियों में बुधवार को वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त (Helicopter Crash) हो गया था. इस हेलीकॉप्टर दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) और उनकी पत्नी मधुलिका रावत (Madhulika Rawat) समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी. हेलीकॉप्टर में क्रू सदस्यों सहित कुल 14 लोग सवार थे. इस दुर्घटना में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) इकलौते शख्स हैं, जिनकी जान बच पायी है. हालांकि, अभी मौत से जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. 

इस बीच ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने की एक चिट्ठी वायरल हो रही है, जो उन्होंने इसी साल सितंबर में अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को लिखा था. उन्होंने इस चिट्ठी में लिखा था – ‘औसत दर्जे का होना ठीक होता है.’

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह अभी बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं. पिछले साल वह एक तेजस विमान उड़ा रहे थे, जिसमें एक बड़ी तकनीकी खामी आ गई थी, लेकिन उन्होंने अपने साहस और सूझबूझ का परिचय देते हुए उड़ान के बीच एक भीषण दुर्घटना को टाल दिया, जिसके लिए उन्हें अगस्त में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था. 

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हरियाणा के चंडीमंदिर में स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य को लिखी एक चिट्ठी में ग्रुप कैप्टन सिंह ने कहा, “औसत दर्जे का होना ठीक बात है. स्कूल में हर कोई मुमताज नहीं होता और सभी 90 प्रतिशत अंक नहीं ला पाते. अगर आप ऐसा कर पाते हैं तो यह एक उपलब्धि है उसकी सराहना होनी चाहिए.” 

पत्र में कहा गया, “लेकिन आप ऐसा नहीं कर पाते तो यह मत सोचिए कि आप औसत दर्जे का होने के लिए बने हैं. आप स्कूल में औसत दर्जे के हो सकते हैं, लेकिन इसका कतई मतलब नहीं है कि जीवन में आने वाली चीजें भी ऐसी ही होंगी.”

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उन्होंने लिखा था, “अपने मन की आवाज सुनिए. यह कला हो सकती है, संगीत हो सकता है, ग्राफिक डिजाइन, साहित्य इत्यादि. आप जो भी काम कीजिए, उसके प्रति समर्पित रहिए, अपना सर्वोत्तम दीजिए. कभी यह सोचकर सोने मत जाइए कि आपने कम प्रयास किया.”
इनपुट- भाषा)

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