Heat wave: झारखंड में लू और गर्मी का सितम जारी, दो दिनों में 28 लोगों की हुई मौत
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Heat wave: झारखंड में लू और गर्मी का सितम जारी, दो दिनों में 28 लोगों की हुई मौत

Heat Wave In Jharkhand:  झारखंड में लू लगने के कारण दो दिनों में 28 लोगों की मौत हो गई. हीटवेव से सबसे ज्यादा आठ लोगों की मौतें पलामू जिले में हुई हैं, जबकि चतरा में पांच और सरायकेला और पूर्वी सिंहभूम में तीन-तीन लोगों की मौत हुई है. 

Heat wave: झारखंड में लू और गर्मी का सितम जारी, दो दिनों में 28 लोगों की हुई मौत

Heat Wave In Jharkhand: झारखंड में भीषण गर्मी और लू का सितम जारी है. शुक्रवार को भी दिनभर चिलचिलाती धूप और हीटवेव से पूरे प्रदेश में लोग परेशान रहे. इस बीच पूरे प्रदेश में लू लगने के कारण दो दिनों में 28 लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा सैकड़ों की तादाद में लोग बीमार हैं. 

हीटवेव से सबसे ज्यादा आठ लोगों की मौतें पलामू जिले में हुई हैं, जबकि चतरा में पांच और सरायकेला और पूर्वी सिंहभूम में तीन-तीन लोगों की मौत हुई है. वहीं गिरिडीह, जमशेदपुर, धनबाद और हजारीबाग में दो-दो और बोकारो जिले में एक की मौत की खबर है.

हेल्थ डिपार्टमेंट ने राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जनों को हीट स्ट्रोक और गर्मी की वजह से बीमार होने वाले लोगों के लिए विशेष सुविधा करने का निर्देश दिया है. चतरा जिले से मिली सूचना के मुताबिक, हंटरगंज ब्लॉक में लू लगने से महेश्वर साव, बाल गोविंद साव, मो. इलियास, कालेश्वर ठाकुर की मौत हो गई. वहीं, पलामू जिले के छतरपुर थाना के रहने वाले सुरेश राम की मौत लू लगने से हो गई. इससे पहले गुरुवार को यहां सात लोगों की मौत हुई थी.

राजधानी रांची समेत हजारीबाग, गिरिडीह, गढ़वा और लातेहार जिले में पिछले चार दिनों में हजारों चमगादड़ों की मौत  हुई है. माना जा रहा है कि ज्यादा गर्मी के कारण चमगादड़ों की मौत हुई है, लेकिन एनिमल हसबेंड्री डिपार्टमेंट को आशंका है कि इसके पीछे कोई वायरस भी हो सकता है.

इस आशंका के मद्देनजर पशुपालन विभाग ने मरे हुए चमगादड़ों के सैंपल जांच के लिए पुणे भेजा है. इधर, गढ़वा जिले के कांडी प्रखंड के सुंडीपुर गांव में कई ग्रामीणों ने मरे हुए चमगादड़ों को पकाकर खा लिया। इसकी जानकारी मिलते ही गढ़वा के डिप्टी कमिश्नर शेखर जमुवार ने हेल्थ डिपार्टमेंट को अलर्ट कर गांव में मेडिकल कैम्प लगाकर 25 ग्रामीणों की जांच की गई.  गनीमत यह है कि चमगादड़ पकाकर खाने वाले किसी भी ग्रामीण में अब तक कोई साइड इफेक्ट्स नहीं देखा गया है.

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