Bharat Ratna: कैसे शुरू हुआ देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' देने का सिलसिला! जानें पूरा इतिहास!
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2040219

Bharat Ratna: कैसे शुरू हुआ देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' देने का सिलसिला! जानें पूरा इतिहास!

Bharat Ratna: आज 2 जनवरी है, और आज ही के दिन साल 1954 में देश में पहली बार भारत रत्न पुरस्कार देने का ऐलान किया गया था. उस वक्त के तात्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने इस पुरुस्कार को दिया था. ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर भारत रत्न का इतिहास क्या है और इसकी क्या विशेषताएं हैं.  

Bharat Ratna: कैसे शुरू हुआ देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' देने का सिलसिला! जानें पूरा इतिहास!

Bharat Ratna History: 'भारत रत्न' भारत देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो किसी खास फिल्ड में बेहतरीन काम और देश सेवा में योगदान को देखते हुए दिया जाता है. ये सम्मान कला, साहित्य, राजनीति, विज्ञान और खेल के क्षेत्र में दिया जाता है.  

'भारत रत्न' से सम्मानित होने वाले पहले शख्स:
भारत रत्न पुरुस्कार सबसे पहले स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमन को दिया गया था. साल 1954 में भारत रत्न सिर्फ जीवित लोगों को दिया जाता था, लेकिन उसके एक साल बाद 1955 में  इस पुरुस्कार को मरणोपरांत के रूप में भी दिया जाने लगा. भारत रत्न हर साल 26 जनवरी को दिया जाता है. भारत के प्रधानमंत्री भारत रत्न के लिए किसी भी शख्स के नाम की सिफारिश राष्ट्रपति से कर सकते हैं. एक साल में सिर्फ तीन भारत रत्न ही दिया जाता है. लेकिन ये भी जरूरी नहीं है कि हर साल भारत रत्न का सम्मान दिया ही जाए. 

अब तक 48 लोगों को सम्मानित किया गया है 'भारत रत्न' से:
भारत में अब तक कुल 48 लोगों को भारत रत्न के सम्मान से नवाजा गया है. आखिरी बार ये सम्मान साल 2019 में समाज सेवा के क्षेत्र में नानाजी देशमुख को, लोक कार्य के लिए भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को और कला के क्षेत्र में डॉक्टर भूपेन हजारिका को दिया गया था. 

क्या-क्या मिलता है 'भारत रत्न' में 
भारत सरकार भारत रत्न पाने वाले को एक सर्टिफिकेट और एक मेडल से सम्मानित करती है. इस सम्मान में किसी भी तरह की कोई धनराशि नहीं दी जाती है. इस सम्मान को पाने वाले को रेलवे की तरफ से फ्री यात्रा की सुविधा दी जाती है. इसके अलावा खास तरह के सरकारी कार्यकर्मों में शामिल होने का भी बुलावा मिलता है. राज्य सरकारें भी भारत रत्न पाने वाले को अपने राज्य में एक अलग सुविधा मुहैया कराती है. यहां आपको एक बात की जानकारी दे दें कि कोई भी भारत रत्न से सम्मानित शख्स अपने नाम के आगे या पीछे भारत रत्न जोड़ नहीं सकता. लेकिन वह अपने बायोडेटा, लेटरपैड या विज़िटिंग कार्ड जैसे कागजों पर भारतरत्न प्राप्तकर्ता लिख सकता है. 

कैसा दिखता है 'भारत रत्न'
भारत रत्न पीपल के पेड़ की तरह दिखने वाला तांबे का एक मेडल होता है. जिसपर प्लैटिनम से बना एक सूरज चमकता रहता है. इस मेडल के नीचे चांदी से हिंदी में 'भारत रत्न' लिखा जाता है, और पीछे एक अशोक चक्र बना होता है जिसके नीचे सत्यमेव जयते लिखा होता है. 

गैर भारतीयों को भी मिलता है 'भारत रत्न'
भारत रत्न को पहली बार साल 2013 में खेल के क्षेत्र से जोड़ा गया था, और साल 2014 में पहली बार किसी खिलाड़ी को इस सम्मान से सम्मानित किया गया था, उनका खिलाड़ी का नाम सचिन तेंदुलकर है. इस सम्मान से गैर भारतीय को भी सम्मानित किया जाता है. सबसे पहले साल 1980 में मदर टेरेसा को इस सम्मान से नवाजा गया था. इसके बाद स्वतंत्रता सेनानी ख़ान अब्दुल गफ़्फ़ार ख़ान को दिया गया था. वहीं दक्षिण अफ़्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को भी इस सम्मान से नवाजा जा चुका है. 

 

Trending news