आपके घर से स्कूल जाते हैं बच्चे या स्कूल संचालक हैं आप, पढ़ लें सरकार की ये गर्मी की गाइडलाइन
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आपके घर से स्कूल जाते हैं बच्चे या स्कूल संचालक हैं आप, पढ़ लें सरकार की ये गर्मी की गाइडलाइन

Summer Guideline For Schools: देश के कई राज्यों में बढ़ती गर्मी और सन स्ट्रोक के बीच छात्रों की सेहत का ख्याल रखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल संचालकों और अभिभावकों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

अलामती तस्वीर

नई दिल्लीः इस वक्त देश के कई राज्यों में तेज गर्मी और लू का दौर चल रहा है. इस गर्मी में खासकर स्कूल जाने वाले बच्चे भी हीट स्ट्रोक के शिकार हो रहे हैं. शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों के लिए एक दिशा-निर्देश जारी किए हैं. कुछ गाइडलाइन स्कूलों के लिए हैं तो कुछ छात्रों और अभिभावकों के लिए. 

इस गर्मी से निपटने के लिए स्कूल क्या करे ? 

स्कूल का समय जल्दी प्रात 7.00 बजे से शुरू किया जा सकता है और दोपहर से पहले स्कूल खत्म हो सकता है.
प्रतिदिन स्कूल के घंटों की संख्या कम की जा सकती है. 
खेल व अन्य बाहरी गतिविधियां को समायोजित किया जा सकता है.
स्कूल को यह ठंडे पीने योग्य पानी की व्यवस्था करनी चाहिए.
ठंडा पानी उपलब्ध कराने के लिए वाटर कूलर, मिट्टी के घड़े का उपयोग किया जा सकता है.
शिक्षक को विद्यार्थियों को उनकी पानी की बोतलों से पानी पीने के लिए याद दिलाना चाहिए.
घर वापस जाते समय, स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्र अपनी बोतलों में पानी ले जा रहे हैं.
स्कूल को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पंखे काम कर रहे हैं और सभी कक्षाएं ठीक से हवादार हैं.
यदि संभव हो तो वैकल्पिक पावर बैक अप की उपलब्धता की व्यवस्था की जा सकती है.
सूर्य के प्रकाश को सीधे कक्षा में प्रवेश करने से रोकने के लिए पर्दे आदि का उपयोग किया जा सकता है.
अधिक पानी पीने पर शौचालयों का उपयोग बढ़ सकता है और शौचालयों को स्वच्छ और स्वच्छ रखकर स्कूलों को इसके लिए तैयार किया जाना चाहिए.
गर्मी भोजन को खराब कर सकती है इसलिए पीएम पोषण के तहत गर्म पका हुआ भोजन गर्म और ताजा परोसा जाना चाहिए.
प्रभारी शिक्षक परोसने से पहले भोजन की जांच कर सकते हैं.
स्कूलों में कैंटीनों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ताजा और स्वस्थ भोजन परोसा जाए.
छात्रों को ढीले और हल्के रंग के सूती कपड़े पहनने की अनुमति दी जा सकती है.
स्कूल वर्दी के संबंध में मानदंडों में ढील दे सकते हैं जैसे कि गर्दन की टाई.चमड़े के जूतों के स्थान पर कैनवास के जूतों की अनुमति दी जा सकती है.
छात्रों को सलाह दी जा सकती है कि वे पूरी बाजू की शर्ट पहनें.
हल्के हीट स्ट्रोक के इलाज के लिए ओआरएस घोल या नमक और चीनी के घोल के पाउच स्कूलों में आसानी से उपलब्ध होने चाहिए. हल्के लू लगने की स्थिति में छात्रों को प्राथमिक उपचार प्रदान करने के लिए शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए.
हीटस्ट्रोक के मामले में स्कूलों को निकटतम अस्पताल के पास त्वरित पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए.
स्कूल में आवश्यक चिकित्सा किट उपलब्ध होनी चाहिए.
कम समय में कवर क्षेत्र में या कक्षाओं में आयोजित किया जाना चाहिए. स्कूल बस या वैन में अधिक भीड़ नहीं होनी चाहिए, इसमें छात्रों को बैठने की क्षमता से अधिक नहीं ले जाना चाहिए.
बस, वैन में पीने का पानी और प्राथमिक चिकित्सा किट उपलब्ध होनी चाहिए.

परीक्षा स्थलों के लिए दिशा-निर्देश

बच्चों को परीक्षा हॉल में अपनी पारदर्शी पानी की बोतल लाने की अनुमति दी जाए.
परीक्षा केंद्रों को पेयजल सुनिश्चित करना चाहिए जो केंद्रों पर आसानी से उपलब्ध हो.
परीक्षा केंद्रों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि परीक्षा हॉल में उनकी सीटों पर मांगे जाने पर उम्मीदवारों को तुरंत पानी की आपूर्ति की जाए. परीक्षा हॉल में पंखे लगाए जा सकते हैं. परीक्षा केंद्र पर प्रतीक्षा क्षेत्र पर पानी के साथ छायां हो.
किसी भी आपात स्थिति के लिए परीक्षा केंद्रों को स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता और चिकित्सा केंद्रों से जोड़ा जाए.

छात्रों के लिए दिशा-निर्देश

पैदल या साइकिल से स्कूल आने वाले विद्यार्थियी अपना सिर ढक कर रखें. स्कूल बस वैन को छाया में खड़ा किया जा सकता है.?
छात्र अपनी पानी की बोतलें, टोपी और छतरियां लेकर आएं और धूप में उनका उपयोग करें.
बच्चों को टिफिन ले जाने की सलाह दी जा सकती है कि वे ऐसा खाना न रखें जो जल्दी बासी हो जाए.
लंच के समय बच्चों को हल्का भोजन करने की सलाह दी जा सकती है.
छात्र पर्याप्त पानी पिएं- प्यास न लगने पर भी खुद को हाइड्रेट रखने के लिए ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन), घर का बना पेय जैसे लस्सी, तोरानी (चावल का पानी), नींबू पानी, बटर मिल्क आदि का इस्तेमाल करें.
हल्के, हल्के रंग के, ढीले, सूती कपड़े पहनें. अपने सिर को कपड़े, टोपी या छतरी आदि से ढकें. जितना हो सके घर के अंदर रहें.
यदि आप बेहोश या बीमार महसूस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. खाली पेट या भारी भोजन करने के बाद बाहर न जाएं.
धूप में बाहर जाने से बचें, खासकर दोपहर में यदि आवश्यक न हो तो दोपहर में जब बाहर हों तो जोरदार गतिविधियों से बचें, नंगे पांव बाहर न जाएं.

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