पीएचडी कार्यक्रम (Ph.D Admission) में एससी (SC), एसटी (ST) और ओबीसी (OBC) उम्मीदवारों के लिए आरक्षण (Reservation) लागू करने संबंधी याचिका पर भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (IIM-A) को मंगलवार को नोटिस जारी किया गया है.
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अहमदाबादः गुजरात उच्च न्यायालय ने पीएचडी कार्यक्रम (Ph.D Programme) में एससी (SC), एसटी (ST) और ओबीसी (OBC) उम्मीदवारों के लिए आरक्षण (Reservation) लागू करने संबंधी याचिका पर भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (IIM-A) को मंगलवार को नोटिस जारी किए हैं. आईआईएम के एक पूर्व छात्र संगठन ‘ग्लोबल आईआईएम एलुमनी नेटवर्क’ ने यह जनहित याचिका (PIL) दायर की है, जिसमें कहा गया है कि यद्यपि आईआईएम-ए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा शासित और वित्त पोषित संस्थान है, लेकिन यह पीएचडी कार्यक्रम (Ph.D Programme) में नामांकन प्रक्रिया के तहत केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम, 2006 का उल्लंघन कर रहा है.
कोर्ट ने सरकार, यूजीसी और आईआईएम-ए से मांगा जवाब
मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति हेमंत एम प्रच्छक की खंडपीठ ने प्रतिवादियों -आईआईएम-ए, केंद्र और राज्य सरकार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अन्य- को नोटिस जारी किए हैं. न्यायालय ने, हालांकि पीएचडी कार्यक्रम के लिए वर्तमान प्रवेश प्रक्रिया 17 जनवरी, 2022 को खत्म होने से पहले सुनवाई किए जाने का याचिकाकर्ता का अनुरोध ठुकराते हुए पहले से शुरू हो चुकी प्रवेश प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है.
दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार के उल्लंघन का भी आरोप
जनहित याचिका में कहा गया है कि देश भर के 20 में से 15 आईआईएम संबंधित अधिनियम के मुताबिक समान कार्यक्रम के लिए आरक्षण प्रदान करते हैं. ये भारतीय प्रबंधन संस्थान, आईआईएम अधिनियम, 2017 द्वारा शासित हैं, जो अहमदाबाद ही नहीं बल्कि अन्य आईआईएम संस्थानों को भी केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम, 2006 के तहत केंद्रीय संस्थान बनाता है. याचिकाकर्ता ने दावा किया कि आईआईएम-ए वर्ष 2006 के संबंधित अधिनियम और दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 का घोर उल्लंघन करके प्रवेश प्रक्रिया अपना रही है.
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