मंत्रो के साथ गूंजी कुबूल है की आवाजें; एक ही प्रोग्राम में हुई 3 हजार हिंदू-मुस्लिम जोड़ों की शादी
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मंत्रो के साथ गूंजी कुबूल है की आवाजें; एक ही प्रोग्राम में हुई 3 हजार हिंदू-मुस्लिम जोड़ों की शादी

Ghaziabad: वैदिक मंत्रोचार के साथ क़ुबूल है-क़ुबूल है-कबूल है की आवाज़ें सुनाई दी हैं. तीन हज़ार तीन दुल्हा-दुल्हन की इज़्तेमाई शादी तक़रीब हुई मुकम्मल हुई है. पढ़ें पूरी खबर

मंत्रो के साथ गूंजी कुबूल है की आवाजें; एक ही प्रोग्राम में हुई 3 हजार हिंदू-मुस्लिम जोड़ों की शादी

Ghaziabad News: कहते हैं कन्यादान सबसे मुकद्दस (पवित्र) दान है. बेटियां सबकी सांझी होती हैं. अगर किसी ग़रीब की बेटी इज़्ज़त से अपने घर की हो जाए तो बड़ी ख़ुशक़िस्मती की बात है. ये अमल और भी शानदार तब हो जाता है जब एक दो नहीं बल्कि हज़ारों की तादाद में बोटियों को एक साथ रुख़सत किया जाए. वो भी अलग अलग धर्मों की बेटियों की शादी एक साथ एक ही जगह की जाए तो. दरअसल ऐसा ही हुआ है और एक, दो, तीन, चार, दस, सौ, 500 या हज़ार नहीं बल्कि पूरी 3003 बेटियों की शादी एक साथ कराई गई है.

गाज़ियाबाद में  इज़्तेमाई शादी (सामूहिक विवाह) के तहत 3003 जोड़ों ने नई ज़िंदगी की शुरुआत की है. गाज़ियाबाद में उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की जानिब से मुनक़िद कराई गई कन्या विवाह सहायता योजना के तहत तीन हज़ार तीन जोड़ों के सामूहिक विवाह प्रोग्राम का आयोजन गाजियाबाद के कमला नेहरू नगर ग्राउंड में किया गया. यहां रजिस्टर्ड श्रमिकों की 3003 बेटियों की सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शादी कराई गई. इसके तहत हिंदू धर्म रीति रिवाजों के अनुसार 1850 श्रमिकों की बेटियों की शादी, 1147 मुस्लिम बेटियों का निकाह, तीन सिख धर्म और 3 बौद्ध धर्म के मुताबिक़ बेटियों की शादी मुकम्मल हुई. कमला नेहरू नगर पार्क में आयोजित हुए सामूहिक विवाह प्रोग्राम में तीन हज़ार तीन दुल्हा-दुल्हन समेत तकरीबन तीस हज़ार लोग शामिल हुए. सामूहिक विवाह कार्यक्रम में हापुड़, बुलंदशहर और गाजियाबाद के मुस्तफिदीन (लाभार्थी) मौजूद रहे.  

80 पंडित, 50 से ज़्यादा मौलवियों ने कराई शादी

सबसे ख़ास बात ये है कि इस बेहद ख़ास और क़ाबिले मिसाल इज़्तेमाई शादी प्रोग्राम को मुकम्मल कराने के लिए 80 पंडित, 50 से ज़्यादा मौलवी, भंते वग़ैरह मौजूद रहे. इस दौरान इस शुभ काम को और ख़ूबसूरत बनाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करने के लिए मथुरा से कलाकारों को बुलाया गया था. प्रोग्राम के दौरान बैंड बाजे वाली भी मौजूद थे. प्रोग्राम में उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम मंत्री अनिल राजभर, गाजियाबाद से सांसद केंद्र राज्य मंत्री वीके सिंह, गाजियाबाद की मेयर आशा शर्मा तमाम एडमिनिस्ट्रेटिव अफ़सरान मौजूद रहे.

वज़ीर अनिल राजभर और राज्यसभा एमपी वीके सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की जानिब से आयोजित किए गए कन्या विवाह सहायता योजना के तहत जब कोई श्रमिक अपनी बेटी की शादी सामूहिक कार्यक्रम में कराता है तो श्रमिक को ₹75000 की इक्तेसादी मदद (आर्थिक सहायता) दी जाती है. इसमें से दस हज़ार रुपए शादी से पहले दुल्हा-दुल्हन के कपड़ों के लिए दिए जाते हैं. सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल होने के बाद ₹65000 उनके खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं. सामूहिक विवाह कार्यक्रम में दुल्हा की जानिब से पांच लोग और दुल्हन की जानिब से भी पांच लोगों को इंवाईट किया जाता है.

नौ शादी-शुदा जोड़े भी सरकार के इस मंसूबे से काफी खुश नजर आए और इसे योजना की जमकर तारीफ़ करते हुए इस तरह की योजना को फ़रोग़ देने की बात की. निकाह पढ़ाने वाले मौलवी भी इस प्रोग्राम की भरपूर तारीफ़ करते नज़र आए. मौलवियों ने कहा कि इस तरह के प्रोग्राम से दहेज़ जैसी लानत को कम किया जा सकता है. इसमें कोई दो राय नहीं कि इस तरह के प्रोग्राम से सामाजिक में फैले ग़लत रीति-रिवाज़ों को ख़त्म करने में मदद मिल सकती है.

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