Iran Israel War: गाजा में पिछले साल से जंग जारी है. इस जंग में अब तक 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. गाजा हिंसा के बाद से ईरान इजरायल को हमले की धमकी दे रहा है. इस बीच हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या ईरान में हो गई. जिसके बाद ईरान ने इजरायल पर सीधे हमले की धमकी दी थी, लेकिन अब ईरान ने अपना प्लान चेंज कर दिया है.
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Iran Israel War: हमास के चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के बाद ईरान ने इजरायल पर हमला करने की कसम खाई थी, लेकिन अब तक ईरान, इजरायल पर सीधे हमला नहीं किया है. ईरान ने अब अपना प्लान बदल दिया है. उसने अपने प्रॉक्सी संगठन हिजबुल्लाह को आगे किया है. वहीं, हिजबुल्लाह इजरायल पर लगातार बमों की बारिश कर रहा है. जिससे इजरायल को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
ईरान का चक्रव्यूह
युद्ध के जानकारों का कहना है कि ईरान कभी भी सीधे तौर पर इजराइल पर हमला नहीं करेगा. क्योंकि ईरान पहले भी इजराइल पर हमला कर चुका है. इससे ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई को यह एहसास हो गया है कि वह सीधे तौर पर इजराइल पर हमला करके उसे ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सकता. क्योंकि ईरान ने इजराइल पर कई शक्तिशाली मिसाइलों से हमला किया था. जिसे इजराइल और उसके सहयोगियों ने मिसाइलों और ड्रोन को नष्ट कर दिया. अब ईरान ने अपना प्लान चेंज कर दिया है.
इस स्थिति में क्या करेगा इजरायल
ईरान अब अपने प्रॉक्सी संगठन के ज़रिए इसराइल पर हमला करेगा. इसमें कई संगठन शामिल हो सकते हैं. इसमें सबसे प्रमुख संगठन हिज़्बुल्लाह है. युद्ध विशेषज्ञों का कहना है कि हिज़्बुल्लाह के हमले इसलिए तेज़ हुए हैं क्योंकि ईरान चाहता है कि गाजा की तरह लेबनान में भी इसराइली सैनिक घुस जाएँ और गाजा और लेबनान में इजरायल युद्ध लड़े, ताकि इसराइली सैनिकों को दो हिस्सों में बाँट दिया जाए, जिससे इसराइल को ज़्यादा से ज़्यादा नुकसान हो. क्योंकि जब इसराइली सेना लेबनान में घुसेगी तो हिज़्बुल्लाह के अलावा लेबनान में मौजूद फ़िलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद भी इस लड़ाई में शामिल हो जाएगा. जिससे इजरायल के ज्यादा से ज्यादा सैनिक हालाक हो जाएंगे.ॉ
सीरियाई विद्रोही संगठन मौके के ताक में है बैठे
इसके अलावा सीरिया में मौजूद सीरियाई राष्ट्रीय परिषद भी इस लड़ाई में शामिल हो जाएगा. क्योंकि ये संगठन इजरायल से बदला देने की ताक में बैठा है. क्योंकि इजरायल और सीरिया के बीच साल 1967 में जंग हुई थी. जिसमें इज़रायल ने सीरिया को हराकर गोलन हाइट्स पर कब्ज़ा कर लिया था. तब से सीरिया में मौजूद विद्रोही संगठन इजरायल से बदला लेने के ताक में बैठे हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि जैसे ही लेबनान में इजरायली सैनिकों की एंट्री होगी, वैसे ही सीरिया में मौजूद सभी संगठन लेबनान का साथ देंगे. जिसका ईरान समर्थन करेगा.
ईराक में मौजूद विद्रोही संगठन
इराक में मौजूद शिया मिलिशिया बद्र संगठन है, जो ईरान के सुप्रीम लीडर एक आदेश पर इजरायल में तबाही मचा सकती है. यह संगठन बेहद ही खतरनाक संगठन है. इस संगठन को ईरान अपना समर्थन देते आया है. ऐसा माना जा रहा है कि लेबनान और सीरिया के बॉर्डर पर इजरायली सैनिक हमला करते हैं, तो शिया मिलिशिया बद्र संगठन हिजबुल्लाह के साथ-साथ सीरियाई बिद्रोही संगठन का साथ देगा. जिससे इजरायली सैनिक कमजोर हो जाएगी और इजरायल को भारी नुकसान होगा.
रूस का साथ
हाल में ही हिजबुल्लाह ने इजरायल पर रॉकेट से हमले किए थे, तो दावा किया गया था कि रूस में बनी रॉकेट से हमला किया गया था. जिसके बाद इजरायल में खलबली मच गई थी. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर दो मोर्चों पर जंग होती है, तो इन संगठनों का साथ रूस दे सकता है. वहीं, एक युद्ध के जानकार का कहना है कि रसी सिर्फ हथियार ही नहीं, बल्कि अपने प्राइवेट वैगनर आर्मी के लड़ाके शामिल होंगे. क्योंकि इजरायल के साथ जंग होने पर इजरायल का साथ अमेरिका देगा. इस हालात में रूस इन संगठनों का साथ देगा.
हूती संगठन का हमला
इजरायल के गाजा में हमले करने के बाद से हूती संगठन इजरायली जहाज को रेड सी में निशाने बना रहे हैं.हूती संगठन पर ईरान के सुप्रीम लीडर का हाथ है. हूती संगठन को ईरान हथियार का भी सप्लाई करता है. इस वक्त हूती के पास एक से एक एडवांस हथियार है, जो सीधे इजरायल पर हमला करने में सक्षम है. हालांकि, एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हूती संगठन डायरेक्ट इजरायल पर हमला नहीं करेंगे. बल्कि रेड सी में इजरायल समर्थित जहाज को निशाना बनाएगा.