Karnataka में कुत्ते का अनोखा मामला, हफ्तों पहले बिछड़ा 250 KM सफर करके पहुंचा घर
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Karnataka में कुत्ते का अनोखा मामला, हफ्तों पहले बिछड़ा 250 KM सफर करके पहुंचा घर

Karnataka: कर्नाटक के यमगरनी गांव से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक कुत्ता 250 किलोमीटर चलकर घर लौटा है. यह कुत्ता कई हफ्तों पहले गुम हो गया था. पढ़ें पूरी खबर

Karnataka में कुत्ते का अनोखा मामला, हफ्तों पहले बिछड़ा 250 KM सफर करके पहुंचा घर

Karnataka: बेलगावी जिले के निपानी तालुक के यमगरनी गांव में हाल ही में एक अजीब नज़ारा देखने को मिला है. एक उत्साही भीड़ ने एक काले रंग के इंडी कुत्ते को माला पहनाकर परेड करवाई और उसके सम्मान में दावत भी रखी. गांव वालों के लिए. दरअसल एक यह कुत्ता कई दिनों पहले खो गया था जो कई सौ किलोमीटर का सफर करके अपने घर लौटा है. इसे कोई चमत्कार से कम नहीं देख रहा है.

250 किलोमीटर का किया सफर

महाराज कहलाने वाला यह कुत्ता, जो अपनी युवावस्था से काफी आगे निकल चुका है, दक्षिण महाराष्ट्र के तीर्थ नगरी पंढरपुर में भीड़ में खो गया था, लेकिन अकेले ही लगभग 250 किलोमीटर की यात्रा करके उत्तर कर्नाटक के बेलगावी स्थित अपने गांव में वापस पहुंच गया.

जून के आखिर में हफ्ते में महाराज अपने मालिक कमलेश कुंभार के साथ पंढरपुर की सालाना 'वारी पदयात्रा' पर गया था. वारकरी कुंभार ने कहा कि वह हर साल आषाढ़ एकादशी और कार्तिकी एकादशी पर पंढरपुर आते हैं. इस बार कुत्ता भी उनके साथ था.

कुत्ते को पसंद है भजन सुनना

कुंभार ने न्यूज एजेंसी पीटीआई ने कहा,"महाराज (कुत्ते) को हमेशा से भजन सुनना पसंद रहा है. एक बार वे मेरे साथ महाबलेश्वर के पास ज्योतिबा मंदिर की पदयात्रा पर भी गए था" लगभग 250 किलोमीटर तक कुत्ता अपने मालिक के पीछे-पीछे चला, जो अपने दोस्तों के एक ग्रुप के साथ भजन गाते हुए चल रहा था.

विठोबा मंदिर में दर्शन के बाद कुंभार ने देखा कि कुत्ता गायब है. जब वह उसे ढूंढने गए तो वहां लोगों ने बताया कि कुत्ता किसी दूसरे ग्रुप के साथ चला गया है. कुंभार ने कहा, "मैंने फिर भी उसे हर जगह खोजा, लेकिन वह नहीं मिला. इसलिए, मुझे लगा कि शायद लोग सही कह रहे हैं कि वह किसी और के साथ चला गया है. मैं 14 जुलाई को अपने घर लौट आया."

हालांकि कुछ ही दिनों में महाराज मेरे घर के सामने खड़ा था और अपनी पूंछ हिला रहा था, जैसे कुछ हुआ ही न हो. वह अच्छी तरह से खिला हुआ और बिल्कुल ठीक दिख रहा था." कुंभार ने बताया कि खुशी से अभिभूत होकर उन्होंने और गांव वालों ने महाराज की वापसी पर दावत का आयोजन किया. "यह एक चमत्कार है कि कुत्ता अपना रास्ता खोज पाया, हालांकि वह घर से 250 किलोमीटर दूर था. हमें लगता है कि भगवान पांडुरंगा ने ही उसका मार्गदर्शन किया."

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