Independance Day Special: हर साल 15 अगस्त के मौके पर बड़े पैमाने पर पतंग उड़ाई जाती है. इस खबर में हम आपकों बताएंगे कि 15 अगस्त के मौके क्यों पतंग उड़ाई जाती है.
Trending Photos
Independance Day Special: भारत हर साल 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है. इस दिन स्कूलों, प्राइवेट और सरकारी दफ्तरों पर झंडे फहराए जाते हैं. बच्चे स्कूल जाते हैं और अच्छे-अच्छे प्रोग्राम पेश करते हैं. लेकिन इस दिन एक और काम भी बहुत शिद्दत के साथ होता है. वह यह है कि 15 अगस्त पर पतंगे उड़ाई जाती हैं. आखिर 15 अगस्त पर पतंगे क्यूं उड़ाई जाती हैं इसके बारे में हम आपको बताने वाले हैं.
विरोध दर्द कराने का तरीका
15 अगस्त के दिन पतंग उड़ाने की शुरूआत साल 1927 शुरू हुई. दरअसल साल 1927 में पहली बार साइमन कमीशन के खिलाफ स्वतंत्रा सेनानियों ने 'साइमन गो बैक' के नारों वाली पतंगे उड़ाई थीं. इसके बाद 15 अगस्त को पतंग उड़ाने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज तक जारी है. कुछ लोग 15 अगस्त के दिन पतंग उड़ाकर आजादी का जश्न मनाते हैं. इस दिन बड़े पैमाने पर पतंग उड़ाई जाती है. कई लोग बहुत बड़ी-बड़ी शर्त लगातें. बाजारों में तरह-तरह की पतंगे आती हैं.
यह भी पढ़ें: Independence Day: क्या है झंडा फहराने का सही वक्त, जान लें इसे रखने का तरीका भी
आज भी जारी है रिवाज
आपको बता दें कि यह रिवाज खासकर उत्तर भारत में है. दक्षिण भारत में अलग-अलग मौकों पर पतंग उड़ाई जाती है. उत्तर भारत में 15 अगस्त के मौके पर दिल्ली, लखनऊ, मुरादाबद और बरेली जैसे शहरों में पतंग उड़ाई जाती है. जिस तरह के साइमन कमीशन के खिलाफ नारेबाजी लिख कर पतंगबाजी उड़ाई गई थी. उसी तरह से आज के दिन भी पतंगों पर अलग-अलग संदेश लिखकर पतंग उड़ाई जाती है.
तिरंगे वाली पतंगों की मांग
हर साल बाजार में कई अलग-अलग तरह की पतंगों की मांग होती है. लेकिन 15 अगस्त के मौके पर खासकर तिरंगे वाली पतंग की डिमांड होती है. पतंग बनाने वाले भी इस सीजन में पतंग बनाकर अच्छी कमाई कर लेते हैं.
इस तरह की खबरें पढ़ने के लिए zeesalaam.in पर जाएं.