चुनाव आयोग ने फैलाया कोरोना, रैलियों पर नहीं लगाई पाबंदी, दर्ज होना चाहिए हत्या का केस: हाईकोर्ट
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चुनाव आयोग ने फैलाया कोरोना, रैलियों पर नहीं लगाई पाबंदी, दर्ज होना चाहिए हत्या का केस: हाईकोर्ट

साथ ही अदालत ने कमीशन से कहा कि 2 मई की तैयारियां पहले से बता दें वरना मतगणना रोक दी जाएगी.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) ने चुनाव कमीशन को जिम्मेदार ठहराया है. हाईकोर्ट ने कहा कोरोना की दूसरी लहर के लिए किसी एक को जिम्मेदार ठहराना हो तो अकेले चुनाव आयोग जिम्मेदार है. अदालत 2 मई को होने वाली वोटों की गिनती को लेकर भी चुनाव कमीशन से पहले ही रिपोर्ट मांगी है. 

चीफ जस्टिस संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की बैंच ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. इस याचिका में अधिकारियों को कोविड-19 नियमों के मुताबिक असरदार कदम उठाते हुए और मुनासिब इंतेजामात करके दो मई को करूर में निष्पक्ष मतगणना सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

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कोर्ट ने कहा कि यह जानते हुए भी कि कोरोना अभी बढ़ रहा है, उसके बावजूद चुनावी रैलियों पर रोक नहीं लगाई. इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि इसके लिए अफसरों पर हत्या का मामला चलाया जाना चाहिए. मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एस. बनर्जी ने सुनवाई के दौरान कहा कि चुनाव कमीशन ही कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार है.

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साथ ही अदालत ने कमीशन से कहा कि 2 मई की तैयारियां पहले से बता दें वरना मतगणना रोक दी जाएगी. कोर्ट ने चुनाव कमीशन को हुक्म दिया है कि वह हेल्थ मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी के साथ मिलकर 2 मई को होने वाली वोटों की गिनती के लिए प्लान तैयार करे. हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल तक प्लान बनाकर देने के लिए कहा है.

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अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि सेहत का मसला काफी अहम है लेकिन फ़िक्र की बात यह है कि अदालत को ये याद दिलाना पड़ रहा है. इस वक्त हालात ऐसे हो गए हैं कि जिंदा रहने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है और चुनाव आयोग ने फिर भी चुनावी रैलियों पर रोक नहीं लगाई.

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बता दें कि 2 मई को पश्चिम बंगाल, असम, केरल, कर्नाटक और पुडुचेरी में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों का ऐलान किया जाएगा. इसी लेकर हाई कोर्ट ने चुनाव कमीशन से पहले ही रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है. 

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