मंत्रिपरिषद में शामिल 43 नए मंत्रियों में 32 नेताओं को पहली बार मिला मरकजी सरकार में मंत्री बनने का मौका
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मंत्रिपरिषद में शामिल 43 नए मंत्रियों में 32 नेताओं को पहली बार मिला मरकजी सरकार में मंत्री बनने का मौका

डॉक्टर वीरेंद्र कुमार, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्वानंद सोनोवाल, किरेन रिजिजू, आरके सिंह, हरदीप पुरी, अनुराग सिंह ठाकुर और अनुप्रिया पटेल जैसे नेता पहले भी मरकजी वजीर की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.

असम के साबिक मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल प्रधानमंत्री के साथ

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रहनुमाई वाली सरकार के दूसरे इक्तदार के पहले वजरा काउंसिल की तौसी और फेरबदल में 36 नए चेहरों को शामिल किया गया है, जबकि सात वर्तमान राज्यमंत्रियों को पदोन्नत कर मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. सिंधिया और राणे सहित आठ नए चेहरों को भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित एक समारोह में मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए सभी 43 सदस्यों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई. वजीर बनने वाले कुल 43 नेताओं में 32 ऐसे चेहरे हैं जो पहली बार केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी निभाएंगे. सरकार ने बिल्कुल नए लोगों को मंत्री बनने का मौका दिया है. ऐसे रहनुमाओं में महाराष्ट्र के साबिक वजीरे आला नारायण राणे, जद (यू) के सदर आरसीपी सिंह, भाजपा के महामंत्री भूपेंद्र यादव और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के पारस गुट के नेता पशुपति कुमार पारस खास नेता हैं. कभी शिवसेना के बड़े नेता रहे राणे 1999 में करीब नौ महीने तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे हैं. बाद में वह कांग्रेस में शामिल हुए और महाराष्ट्र सरकार में राजस्व मंत्री रहे. साल 2017 में वह भाजपा में शामिल हुए और कुछ वक्त बाद राज्यसभा सदस्य बन गए. वह पहली बार केंद्र में मंत्री बने हैं. 

मंत्रिपरिषद में जदयू के मंत्री बने आरसीपी सिंह
जद (यू) के सदर आरसीपी सिंह भी पहली बार केंद्र में मंत्री बने हैं. राज्यसभा सदस्य अपनी पार्टी के कोटे से केंद्रीय मंत्रिपरिषद में इकलौते सदस्य हैं. पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे सिंह कुछ महीने पहले ही जद(यू) के सदर बने थे. भाजपा के कद्दावर नेता और पार्टी की चुनावी हिकमत अमली बनाने में खास किरदार भूमिका निभाने वाले भूपेंद्र यादव भी पहली बार मरकजी वजीर बने हैं. वह पेशे से वकील हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं.

पशुपति पारस का बगावत रहा कामयाब 
लोजपा (पारस गुट) के नेता पशुपति पारस भी पहली बार केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल हुए हैं. इससे पहले उनके भाई रामविलास पासवान मोदी सरकार में मंत्री थे जिनका पिछले साल इंतकाल हो गया था. राजनीति में लगभग चार दशकों का अनुभव रखने वाले पशुपति कुमार पारस हाल ही में अपने भतीजे चिराग पासवान के साथ चली खींचतान को लेकर भी सुर्खियों में थे. लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के चार अन्य सांसदों के समर्थन से पारस ने दिवंगत रामविलास पासवान के पुत्र और अपने भतीजे चिराग पासवान के खिलाफ बगावत किया था और वह लोकसभा में पार्टी के नेता और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुने गए थे. भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर रहे अश्विनी वैष्णव भी पहली बार मंत्री बने हैं. वह ओडिशा से राज्यसभा सदस्य हैं.

नए मंत्रियों में इनके नाम भी हैं शामिल 
इनके अलावा, एसपी सिंह बघेल, राजीव चंद्रशेखर, शोभा कारंदलाजे, भानू प्रताप सिंह वर्मा, दर्शना जारदोश, मीनाक्षी लेखी, अन्नपूर्णा देवी, कौशल किशोर, बीएल वर्मा, अजय भट्ट, अजय कुमार, चैहान देवूसिंह, भगवंत खूबा, भारती पवार, पंकज चैधरी, शांतनु ठाकुर, मुंजपारा महेंद्रभाई, एल मुरुगन, निशीत प्रमाणिक, ए नारायणस्वामी, कपिल पाटिल, राजकुमार रंजन सिंह, प्रतिमा भौमिक, सुभाष सरकार, भागवत कराड, बिश्वेसर टुडू और जॉन बारला भी पहली बार केंद्रीय मंत्री बने हैं. जिन मंत्रियों ने बुध को हलफ लिया है उनमें डॉक्टर वीरेंद्र कुमार, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्वानंद सोनोवाल, किरेन रिजिजू, आरके सिंह, हरदीप पुरी, मनसुख मनडाविया, पुरुषोत्तम रुपाला, जी किशन रेड्डी, अनुराग सिंह ठाकुर और अनुप्रिया पटेल ही ऐसे मंत्री हैं जो पहले भी मरकजी वजीर की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. 

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