Monkeypox symptoms: मंकीपॉक्स के यह लक्षण दिखते ही खुद को कर लें आइसोलेट और करें ये काम
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Monkeypox symptoms: मंकीपॉक्स के यह लक्षण दिखते ही खुद को कर लें आइसोलेट और करें ये काम

Monkeypox Symptoms: भारत में मंकीपॉक्स के कई मामले सामने आ चुके हैं. यह ऐसी बीमारी है जो इंसानों में बंदरों से फैली. मंकीपॉक्स की लक्षण काफी खतरनाक बताए जा रहे हैं. लोगों को सलाह दी जा रही है कि वह खुद को आइसोलेट रखें.

Monkeypox symptoms: मंकीपॉक्स के यह लक्षण दिखते ही खुद को कर लें आइसोलेट और करें ये काम

Monkeypox Symptoms: देश में मंकीपॉक्स के कई मामले सामने आ चुके हैं. इसको लेकर सरकार एहतियात बरतने की अपील कर रही है और कहा जा रहा है कि कोई भी भीड़भाड़ वाली जगह पर ना जाया जाए. मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताने वाले हैं. आपको बता दें एक्सपर्ट्स ने मंकीपॉक्स को लेकर गाइडलाइंस भी जारी की हैं. मंकीपॉक्स ऐसी बीमारी है जो जानवरों से मनुष्यों से इंसानों में फैली. तो चलिए बिना वक्त गवाए जानते हैं मंकीपॉक्स के लक्षण.

मंकीपॉक्स के लक्षण (Monkeypox Symptoms)

- जिन लोगों को मंकीपॉक्स होता है उन्हें तेज बुखार रहता है.
- स्किन पर चकत्ते पड़ने लगते हैं और पूरे शरीर पर हो सकती हैं.
- पूरे शरीर में दर्द रहता है. मासपेशियों में दुखन रहती है.
- गले में खराश रहती है और खांसी होती है.
- कई लोगों में देखा गया है कि लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है.
- सीने और आंखों में दर्द. धुंधलापन
- बेहोश होना और पेशाब में कमी

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भारत में मंकीपॉक्स के कई मामले

आपको बता दें मंकीपॉक्स का पहला मामला 6 मई को आया था. जिसके बाद से पूरी दुनिया में इस बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत में मंकीपॉक्स का पहला केस 6 मई को नोट किया गया. केरल में मंकीपॉक्स से 3 मामले सामने आ चुके हैं. वहीं दिल्ली में भी दो मामलों की पुष्टी हुई है. दिल्ली में पहला मामला 24 जुलाई को आया था. अगर आप दिल्ली में रहने वाले हैं तो एलएनजीपी अस्पताल में इस बीमारी की जांच करा सकते हैं.

1970 में आया पहला मामला

आपको बता दें मंकीपॉक्स वायरस का पहला मामला 1970 में आया था. उस वक्त इस बीमारी से 9 महीने का बच्चा संक्रमित हुआ था. जिसके बाद इस बच्चे की मौत हो गई और यह वायरस लोगों में फैलने लगा. WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह वायरल बंदरों से फैला है इसी कारण इसका नाम मंकीपॉक्स है. 1958 में डेनमार्क के कोपेनहेगन बंदरों पर रिसर्च चल रही थी. उसी दौरान इस वायरस से बंदर संक्रमित हुए थे.

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