Gujarat Election: मुसलमानों पर कौन कितना मेहरबान? देखिए 1980-2017 तक के आंकड़े
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Gujarat Election: मुसलमानों पर कौन कितना मेहरबान? देखिए 1980-2017 तक के आंकड़े

Gujrat Assembly Election 2022: गुजरात असेंबली इलेक्शन से पहले हम आपको इस ख़बर के बारे में बताएंगे कि 1980 से लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने कितने मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे और कितनों को कामयाबी मिली.

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Gujrat Election Muslim Candidates: गुजरात असेंबली इलेक्शन का आज ऐलान होने जा रहा है. इस बार बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने रियासत के अवाम को लुभाने के लिए पूरा ज़ोर लगाया है. इसी कड़ी में आपको बीजेपी और मुसलमानों के रिश्ते के बारे में बताने जा रहे हैं. इस ख़बर में हम आपको बताएंगे कि बीजेपी ने अब तक गुजरात में कितने मुसलमानों को टिकट दिया है.

बात साल 1980 से करते हैं. जब बीजेपी ने 1980 में अपने क़याम (स्थापना) के बाद गुजरात में हुए सभी 9 असेंबली इलेक्शन में सिर्फ एक बार एक मुसलमान को उम्मीदवार बनाया है. पिछले 27 सालों से रियासत की हुकूमत पर क़ाबिज़ बीजेपी ने आख़िरी बार 24 साल पहले भरूच ज़िले की वागरा असेंबली सीट पर एक मुसलमान उम्मीदवार उतारा था. जिसे हार का सामना करना पड़ा था. मुसलमानों को उम्मीदवार बनाने के मामले में बीजेपी के मुक़ाबले कांग्रेस का रिकार्ड बेहतर रहा है लेकिन आबादी के मुताबिक़ उन्हें टिकट देने में उसने भी कंजूसी ही बरती है. साल 1980 से 2017 तक हुए गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने कुल 70 मुसलमान लीडरान को उम्मीदवार बनाया और इनमें से 40 ने जीत दर्ज की.

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पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 6 मुसलमानों को टिकट दिया था, इनमें से चार ने जीत दर्ज की थी. इसके अलावा साल 2012 के चुनाव में उसने पांच मुसलमानों को टिकट दिया तो दो ने जीत हासिल की. साल 2007 के चुनाव में कांग्रेस ने छह उम्मीदवार उतारे थे, इनमें से तीन को जीत नसीब हुई. इसी तरह 2002 में पांच में से तीन, 1998 में आठ में से पांच, 1995 में एक में एक, 1990 में 11 में दो, 1985 में 11 में से आठ और 1980 में 17 उम्मीदवारों में से 12 ने जीत दर्ज की.

बीजेपी ने 1998 के विधानसभा चुनाव में वागरा विधानसभा से अब्दुल क़ाज़ी क़ुरैशी को टिकट दिया था. इस चुनाव में उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार इक़बाल इब्राहिम ने हराया था. इब्राहिम को 45,490 वोट मिले थे जबकि क़ुरैशी को 19,051 वोट ही मिल सके थे. इसके बाद बीजेपी ने आज तक किसी भी मुसलामन को उम्मीदवार नहीं बनाया. 

साल  2011 की मर्दम शुमारी (जनगणना) के मुताबिक़, गुजरात में मुसलमान सबसे बड़ा अक़्लियती (अल्पसंख्यक) समुदाय है, जिनकी आबादी में 10 फीसद के क]रीब हिस्सेदारी है और राज्य विधानसभा की कुल 182 सीटों में से क़रीब 30 सीटों पर उनकी आबादी 15 फीसद से ज़्यादा है. इस साल के आख़िर तक गुजरात असेंबली के इलेक्शन होने हैं. 

 

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