दो साल के इस प्रोग्राम का मकसद नई पीढ़ी को प्राचीन परंपरा के प्राचीन ज्ञान स्रोतों के साथ-साथ वर्तमान संदर्भ में उनके महत्वों से भी रूबरू कराना है.
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बिहारशरीफः बिहार के मशहूर नालंदा विश्वविद्यालय में नए साल से हिन्दू स्टडीज (सनातन) की पढ़ाई भी शुरू होने वाली (Nalanda University Intriduce M.A. in Hindu Study) है. इसके लिए स्नातकोत्तर हिन्दू स्टडीज (सनातन) के प्रथम बैच के दाखिले का अमल शुरू कर दिया गया है. हिंदू अध्ययन में एम.ए. प्रोग्राम (M.A. in Hindu Studay) का मकसद छात्रों को प्राच्य सभ्यता और संस्कृति के मूलभूत सिद्धांतों से रूबरू कराना है.नालंदा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुनैना सिंह ने बताया कि राजगीर के विश्वविद्यालय परिसर में 17 जनवरी 2022 से इस कोर्स की विधिवत पढ़ाई शुरू हो जाएगी.
उत्कृष्टता का केंद्र बनेगा नालंदा
सिंह के मुताबिक, हम भारतीय बौद्धिक परंपराओं के लिए एक संसाधन केंद्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं. नालंदा अपनी विद्वतापूर्ण परंपरा के लिए जाना जाता था, वर्तमान नालंदा भी उत्कृष्टता के लिए एक केंद्र बनाने की जानिब अग्रसर है. उन्होंने बताया कि इस कोर्स के जरिए छात्र भारत की समग्र विचार-परंपरा का विश्लेषणात्मक विधियों द्वारा एक तार्किक समझ विकसित कर सकेंगे.
समग्र अध्ययन और अनुसंधान के मौके हासिल होंगे
कुलपति प्रो. सुनैना सिंह ने कहा कि इस पढ़ाई के जरिए छात्रों को भारतीय संस्कृति के शाश्वत सिद्धांत और जीवन मूल्य के साथ विभिन्न प्रकार की ज्ञान परंपराओं और प्रथाओं का मुक्कमल तौर पर मुताला और रिसर्च के मौके हासिल होंगे. दो साल के इस प्रोग्राम का मकसद नई पीढ़ी को प्राचीन परंपरा के प्राचीन ज्ञान स्रोतों के साथ-साथ वर्तमान संदर्भ में उनके महत्वों से भी रूबरू कराना है.
सिलेबस में क्या पढ़ाया जाएगा ?
क्ुलपति ने कहा कि इस कोर्स के पाठ्यक्रम में वेद, उपनिषद, इतिहास-पुराण, रामायण और महाभारत के साथ-साथ नाट्यशास्त्र और अर्थशास्त्र को भी जगह दी गई है. इसके पाठ्यक्रम के माध्यम से नई पीढ़ी, सनातन परंपराओं को विस्तार पूर्वक जान पाएगी. गौरतलब है कि इस विश्वविद्यालय में देश और विदेश के छात्र विभिन्न विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं.
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