Bihar Chhapra Liquor Case: बिहार के छपरा में जहरीली शराब के मामले पर बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा है कि मध्य प्रदेश में क्यों हो रही हैं सबसे ज्यादा मौतें?
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Nitish Kumar: बिहार में जहरीली शराब से मरने वाले लोगों की तादाद में लगातार इज़ाफा होता जा रहा है. आखिरी अपडेट तक मरने वालों की संख्या 53 हो चुकी थी. हर मुद्दे की तरह इस मुद्द पर भी सियासत तेज हो गई. गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ज़रिए बयान दिया गया था कि जो शराब पिएगा वो मरेगा ही. नीतीश कुमार के इस बयान के बाद उन्हें लोगों ने घेरना शुरू कर दिया. अपोज़िशन पार्टियों का आरोप है कि ये कैसी शराब बंदी है कि लोग जहरीली शराब से मर रहे हैं. अपोज़िशन ने नीतीश कुमार से मरने वालों के परिवार वालों को मुआवज़ा देने की भी मांग की है.
अपने बयान का बचाव करते हुए आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में हमला बोला. उन्होंने कहा कि बिहार में जहरीली शराब से मरने वालों की तादाद उस वक्त से भी है जब यहां शराब पीने की इजाज़त थी. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जिन राज्यों में शराब खुले आम बिक रही है वहां पर जहरीली शराब से मरने वालों की तादाद बिहार से कहीं ज्यादा है. नीतीश कुमार ने यहां पर मध्य प्रदेश का उदाहरण भी दिया. बता दें कि NCRB की रिपोर्ट देखें तो 2016 से लेकर 2020 तक के आंकड़ों में मध्य प्रदेश में जहरीली शराब से सबसे ज्यादा लोग मरे हैं.
#WATCH | "No compensation will be given to people who died after drinking...We have been appealing- if you drink, you will die...those who talk in favour of drinking will not bring any good to you...", said CM Nitish Kumar in assembly earlier today.
(Source: Bihar Assembly) pic.twitter.com/zquukNtRIA
— ANI (@ANI) December 16, 2022
NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में 2016 में जहरीली शराब से 184, 2017 में 216, 2018 में 410, 2019 में 190 और 2020 में 214 लोगों की मौत हुई. जबकि बिहार में 2016 में 6, 2017 में 0, 2018 में 0, 2019 में 9, 2020 में 6 लोगों की जहरीली शराब से मौत हुई. यहां यह भी बता दें कि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की लगभग 20 साल से सरकार है. हालांकि कुछ वर्षों के लिए कांग्रेस भी सत्ता में आई थी.
नीतीश कुमार ने इस दौरान मीडिया पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में शराब बिक रही है वहां पर जहरीली शराब से मरने वालों की खबरें क्यों नहीं छापते हो? इसी कड़ी में उन्होंने गुजरात को मोरबी में हुए पुल हादसे को भी आड़े हाथों ले लिया. उन्होंने कहा कि गुजरात में पुल गिरने से इतने लोगों की मौत हुई, उसकी खबरें सिर्फ एक दिन छपीं, उसके बाद कुछ भी नहीं छपा.
इसके अलावा नीतीश कुमार ने मृतकों के परिवार वालों को मुआवज़ा देने की मांग करने वालों की मांग को भी सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि दारू पीकर मरने वाले आदमी को हम मुआवज़ा देंगे? सवाल ही पैदा नहीं होता, ऐसा कभी मत सोचिए. मुख्यमंत्री ने आगे कहते हैं कि हम एक बार फिर जाएंगे लोगों के कहेंगे कि शराब मत पियो, अगर पियोगे तो मर जाओगे.
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